*🌻सुंदर पंक्ति 🌻*
*झाँक रहे है इधर उधर सब।*
*अपने अंदर झांकें कौन ?*
*ढ़ूंढ़ रहे दुनियाँ में कमियां ।*
*अपने मन में ताके कौन ?*
*दुनियाँ सुधरे सब चिल्लाते ।*
*खुद को आज सुधारे कौन ?*
*पर उपदेश कुशल बहुतेरे ।*
*खुद पर आज विचारे कौन ?*
*हम सुधरें तो जग सुधरेगा*
*यह सीधी बात स्वीकारे कौन?"*
जयश्रीराधे 🙏
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झाँक रहे है इधर उधर सब।* *अपने अंदर झांकें कौन ?* विजय साहू