*तू नाराज तो है अपने इंसान*
*से भगवान ..*
*नहीं तो मंदिरों के दरवाजे बंद*
*ना करता ..*
*सज़ा दे रहा है कुदरत से*
*खिलवाड़ की ..*
*नहीं तो गुरुद्वारों से लंगर कभी*
*ना उठता ..*
*आज उन बारिश की बूंदों से*
*संदेश मिला ..*
*रोता तो तू भी है जब इंसान*
*आंसू बहाता ..*
*माफ़ करदे अपने बच्चों के*
*हर गुनाह ..*
*सब कहते हैं ,*
*तेरी मर्ज़ी के बिना तो पत्ता भी*
*नहीं हिलता !!🙏🏻*