बे वजह घर से निकलने की ज़रूरत क्या है"* *"मौत से आँखे मिलाने की ज़रूरत क्या है"* - हेमंत साहू

गुलजार साहब की यह कविता आज बहुत याद आ रही है...👏👏


*"बे वजह घर से निकलने की ज़रूरत क्या है"*
*"मौत से आँखे मिलाने की ज़रूरत क्या है"*


*"सब को मालूम है बाहर की हवा है क़ातिल"*
*"यूँही क़ातिल से उलझने की ज़रूरत क्या है"*


*"ज़िन्दगी एक नेमत है उसे सम्भाल के रखो"*
*"क़ब्रगाहों को सजाने की ज़रूरत क्या है"*


*"दिल बहलाने के लिये घर में वजह हैं काफ़ी"*
*"यूँही गलियों में भटकने की ज़रूरत क्या है"*


🖋️🖋️🖊️🖊️


 


Popular posts
बैतूल पाढर चौकी के ग्राम उमरवानी में जुआ रेड पर जबरदस्त कार्यवाही की गई
Image
रायसेन में डॉ राधाकृष्णन हायर सेकंडरी स्कूल के पास मछली और चिकन के दुकान से होती है गंदगी नगर पालिका प्रशासन को सूचना देने के बाद भी नहीं हुई कोई कार्यवाही
मनरेगा के तहत आथिक.विकास को ठेंगा दिखा रही पंचायती राज व्यवस्था 
Image
भगवान पार ब्रह्म परमेश्वर,"राम" को छोड़ कर या राम नाम को छोड़ कर किसी अन्य की शरण जाता हैं, वो मानो कि, जड़ को नहीं बल्कि उसकी शाखाओं को,पतो को सींचता हैं, । 
Image
बैतुल के पूर्व विधायक एंव वरिष्ट कांग्रेसी नेता श्री विनोद डागा जी का निधन
Image