*भाजपा में अच्छे,सिद्धान्तवादी नेता भी हैं,बीती रात इंदौर के हालातों को दृष्टिगत रख मेरी कुशलक्षेम पूछने एक खांटी नेता का भोपाल से फोन आया, प्रसंगवश उन्होंने कहा- "पहले तो हमारी पार्टी,विचार और विचारधारा के लिए लड़ती थी,चाहे हमारी ज़मानत जब्त हो जाती थी,अब सत्ता के लिए लड़ती है,चाहे विचार-विचारधारा की हत्या हो जाये,अब तो सत्ता के लिए अपनों की भी हत्या का दौर प्रारम्भ हो चुका है"....संदर्भ भाजपा के 8 बार से लगातार विजयी पहोने वाले अपराजेय योद्धा प.गोपाल भार्गव जी (जिनका मैं स्वयं भी बहुत सम्मान करता हूँ )को लेकर था!!*
*"यह साफगोई सुनकर मैं भी अवाक व गर्वित हुआ,इस प्रेरक अभिव्यक्ति पर सभी राजनैतिक दलों को विचार करना चाहिए,फिर चाहे वह मेरी ही अपनी राजनैतिक पार्टी या विचारधारा क्यों न हो।"*