दिया ज़रूर जलाइए बत्ती मत बुझाइए : अभय दुबे*


*दिया ज़रूर जलाइए बत्ती मत बुझाइए : अभय दुबे*



 
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नैशनल मीडिया कॉर्डिनेटर अभय दुबे ने जारी एक बयान में कहा है कि देश के प्रधानमंत्री जी ने कोरोना महामारी से लड़ रहे डॉक्टरर्स एवं स्वास्थ्य कर्मियों के लिए तालियाँ थालियाँ बजवाई। अब वे कहते हैं कि 5 अप्रैल को रात 9 बजे 9 मिनिट के लिए लाइट बंद कर दिया जलाएँ  । 
विदेशों की तर्ज़ पर प्रधानमंत्री जी ने प्रोत्साहन का ये उपक्रम किया है ।वो अच्छा तो है  मगर उन्होंने एक बड़े गंभीर संकट को भी इसके साथ आमंत्रित कर लिया है । 
प्रधानमंत्री जी ने जो 9 मिनट  लाइट बंद करने की बात समूचे देश के लिए कही है वह इस कोरोना की आपात स्थिति में दूसरी आपात स्थिति को निमंत्रण दे सकती है और पूरे देश की लाइट 24 से 48 घंटे के लिए जा सकती है । 
आइए समझते हैं : 
अभी लॉक डाउन के कारण इंडस्ट्रियल लोड काफ़ी कम है और देश के  सारे पॉवर प्लांट कम लोड पर चल रहे हैं । 
जब सप्लाई और डिमांड में गैप नहीं रहती तब ग्रिड फ्रीक्वेंसी 50 हर्डज़  रहती है ।   सारे पॉवर प्लांट लगभग 50 हर्ड्ज़ की फ्रीक्वेंसी पर चलते हैं। थोड़ा बहुत मांग और आपूर्ति में फ्लक्चुएशन होता रहता है तथा सभी आपस में सिंक्रोनाइज़्ड रहते हैं । 
 जब सप्लाई ज़्यादा और डिमांड कम हो जाती है तब फ्रीक्वेंसी 50 हर्डज़ से ज़्यादा हो जाती है । 
अगर एक साथ पूरे देश में 9 मिनिट के लिए लाइट बंद की जाएगी तो डिमांड एकदम घट जाएगी और फ्रीक्वेंसी एकदम शूटअप होगी। इसी तरह 
एकदम लाइट चालू होने पर इसका उल्टा होगा, अर्थात अगर हम एक साथ लाइट चालू और बंद करेंगे तो ग्रिड डिस्टर्बेंस हो जाएगा और फ्रीक्वेंसी और वोल्टेज फ्लक्चुएशन से पॉवर प्लांट ट्रिप होने की संभावना बन जाएगी । 
 चूँकी पॉवर प्लांट आपस में जुड़े रहते हैं तो एक के बाद एक पॉवर प्लांट बंद हो सकते हैं जिसके कारण ग्रिड फ़ेल हो सकती है  और ग्रिड को रिस्टोर करने में 24 से 48 घंटे लग सकते हैं । जिससे इमरजेंसी सेवाएं भी बुरी तरह प्रभावित होंगी । 
एक बार 30 एवं 31 जुलाई 2012 में इस प्रकार की स्थिति निर्मित हुई थी और आधे देश में अंधकार फैल गया था । तब मिनिस्ट्री ऑफ पॉवर ने एक्सपर्ट ग्रुप गठित किया था जिसने अपनी रिपोर्ट में इस तरह की परिस्थिति से हमेशा बचने की सलाह दी थी । 
सभी प्रदेशों की पॉवर जनरेशन कंपनियाँ इस परिस्थिति को लेकर बेहद तनाव में हैं तथा कई प्रदेशों ने लिखित रूप में अपनी चिंता भी व्यक्त की है । 
अभी देश इमरजेंसी के दौर से गुजर रहा है।मोदी जी के इस लाइट बंद करने के आह्वान से कहीं जरूरी सेवाओं की बिजली आपूर्ति 24 से 48 घंटे के लिये न रुक जाए और दूसरी इमरजेंसी के हालात न उत्पन्न हो जाएँ ।


 


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