प्रधानमंत्री द्वारा लाॅकडाउन बढ़ाए जाने का निर्णय स्वागत योग्य  अच्छा होता कोरोना से लड़ने के लिए पहले से ठोस रणनीति बनायी होती ? राज्य सरकार वित्तीय संकट से जूझ रहीं कंपनियों  को राहत पैकेज दें ?: जीतू पटवारी

 


प्रधानमंत्री द्वारा लाॅकडाउन बढ़ाए जाने का निर्णय स्वागत योग्य 
अच्छा होता कोरोना से लड़ने के लिए पहले से ठोस रणनीति बनायी होती ?
राज्य सरकार वित्तीय संकट से जूझ रहीं कंपनियों 
को राहत पैकेज दें ?: जीतू पटवारी


भोपाल, 


कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा देष की जनता को दिये गये अपने संबोधन में कोरोनो महामारी से जीतने के लिए, लिये गये लाॅकडाउन को बढ़ाए जाने के निर्णय से मैं सहमत हूं तथा इस फैसले का उसका स्वागत करता हूं। साथ ही प्रदेष की जनता से आग्रह है कि वह भी लाॅकडाउन के सभी नियमों का पूरी ईमानदारी के साथ पालन करें, तभी कोरोना महामारी से हमें जीत मिल सकती है। उन्होंने देष और प्रदेष की भाजपा सरकार से कहा है कि वित्तीय संकट से जूझ रहीं कंपनियों का सर्वे कराकर उनको हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए राहत पैकेज दिया जाएं, जिससे आम नागरिकों को भी इस आर्थिक भयावयता से कुछ राहत मिल सके। लाॅकडाउन की समयावधि तो बढायी गई, किंतु प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अपने संबोधन के दौरान गरीब, मजदूर, किसान और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए राहत की कोई बात नहीं कही गई, उस पर कोई रणनीति भी तैयार नहीं की गई?
श्री पटवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी का बार-बार जनता के सामने आकर इस प्रकार के भाषण देना केवल उनकी नाकामी, लापरवाही और अयोग्यता को छुपाने का प्रयास किया जाना दिखायी पड़ता है। वहीं हमारी पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सासद श्री राहुल गांधी जी कोरोना महामारी से होने वाली जनहानि और उससे उत्पन्न होने वाले आर्थिक संकट से बढ़ने वाले अत्यधिक दुष्प्रभाव व युवाओं के अंधकारमय होते भविष्य के बारे में प्रधानमंत्री जी को पूर्व में ही आगाह कर चुके थे, किंतु प्रधानमंत्री जी अपने राजनैतिक स्वार्थों में उलझे रहे और देश को कोराना संकट व घोर वित्तीय संकट में लाकर खड़ा कर दिया। समय रहते यदि ठोस कदम उठा लिये जाते तो आज यह भयावह स्थिति देष और प्रदेष की नहीं होती।  
श्री पटवारी ने अपने बयान में आगे कहा कि प्रधानमंत्री जी के 25 मिनट के संबोधन में देष भर में पलायन हुए लोगों के बारे में कुछ नहीं कहा गया, जो अपने परिजनों से दूर आज भी बीच रास्ते में फंसे हुए हैं। प्रधानमंत्री जी द्वारा कोरोना संक्रमण की रोकथाम में की गई देरी और लापरवाही पर पर्दा डाला गया और उसकी कमी दूर करने के लिए कोई ठोस रणनीति नहीं बनायी गई। जहां प्रधानमंत्री जी ने अस्पतालों में बेड्स की उपलब्धता के बारे में बताया वहीं अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं का जरा भी जिक्र नहीं था। बेहतर होगा कि प्रधानमंत्री जी कोरोना महामारी से पूर्णतः निपटने के लिए दूसरे चरण के 19 दिनों के लाॅकडाउन के दौरान टेस्टिंग किट, पीपीएफ, एम्बुलेंस तथा वेंटिलेटर्स की कमी को दूर कर कोरोना महामारी को पूरी तरह समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठायेंगे? 
श्री पटवारी ने कहा कि जिस तरह आज कोरोना महामारी से हम लड़ पा रहे हैं, उसमें जनता का अनुशासन, हमारे कोरोना कर्मवीरों व शासकीय कर्मियों की कर्तव्य परायणता का प्रमाण है, इसके लिए वे सभी बधाई के पात्र है, इन कर्मवीरों पर हमें गर्व है।





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