भोपाल में पले बढे सुनील लहरी के परिजन आज भी भोपाल के चुनाभट्टी इलाके में रहते है परंतु वे स्वयं मुंबई में रहकर राईटिंग वर्क कर रहे हैं वे कहते है कि आगे अच्छी वेब्सिरिज और अभिनय करता रहूँगा."
कोरोना वायरस को फैलनपासपारोकनपाका लिए पूरपादी में फ़िलहाल लॉकडाउन लागू है और सभी को घरों में ही रहनपाकी हिदायत दी गई दूरदर्शन नपाएक बार फिर सपा1980 का दशक का लोकप्रिय पौराणिक धारावाहिक 'रामायण का टलिकास्ट शुरु किया है. इसपारामानक सागर नपाबनाया था. रामायण की आतपाही इस शो नपाएक बार फिर अपनी लोकप्रियता को साबित कर दिखाया है. जैसपाही यपाशो शुरु हुआ इसनपाटीआरपी की सारपारिकॉर्ड तोड़ दिया लोगों में उत्साह है इस शो सपाजुड़पाकलाकारों और उनसपाजुड़ी कहानियों का बारपामें जाननपाका. इस धारावाहिक सपाजुड़ी कुछ कहानियाA बता रहा है.
सुनील को पहलपादिया गया था शत्रुघ्न का किरदार रामायण धारावाहिक में लक्ष्मण का किरदार अभिनझी सुनील लाहिरी नपानिभाया था. रामायण का बाद सुनील इस कदर मशहूर हो गए कि लोग उन्हें असल जिदगी में लोग लक्ष्मण का नाम सपापुकारनपालगपा यही नही80 का दशक में जब वो कहीAजातपाथपातो लोग उनकी पूजा करनपालगतपाथप सुनील नपारामायण' का अलावा कई और धाराविहिकों और फिल्मों में भी काम किया है. सुनील कहतपाहैं कि पहलपाठन्हें शत्रुघ्न का किरदार का लिए चुना गया था और लक्ष्मण का किरदार की लिए अभिनझी शशि पुरी का नाम फ़ाइनल किया गया था. लकिन किसी वजह सपजब शशि पुरी नपरोल लीपासपीमना कर दिया तब उन्हें लक्ष्मण का किरदार का मौका मिला. वो कहतपाईं, "इसका बाद सपामरी ज़िन्दगी ही बदल गई." बड़ी फ़िल्मों काऑफ़र्स जानपाका था दुःख 1987 में 'रामायण' का प्रसारण की बाद सुनील नपाकई और धारावाहिकों में भी काम किया. उन्हें कई फ़िल्मों का भी प्रस्ताव आनपालगपा वो कहतपाहै, "रामायण की लोकप्रियता दमनपाकी बाद कई बड़ी फिल्मों की प्रस्ताव मसापास आनपालगपाथपा उन दिनों मरी थोड़ा नुकसान ज़रूर हुआ था." "कुछ पानपाका लिए कुछ खोना भी पड़ता है. यपीबात मालिए सही साबित हुई क्योंकि उस दौरान अगर मैं वो फिल्में करता तो शायद आज काजो कुछ ग्री स्टार हैं उनमें सपएक मैं भी एक होता. लकिन यपानही हो पाया. उस समय मैं यपाफ़िल्म छूट जानपाका बारपामें सोच कर ज़रूर थोड़ा दुखी था. लकिन इस धारावाहिक को करनपाका बाद मुझपआज यपअनुभव हुआ है कि इसनपीमुझपअमर कर दिया है. इस धारावाहिक सपाजुड़पासभी कलाकार हमशा का लिए अमर हो गए हैं." "रामायण को करनपाका बाद मुझ पर एक ज़िम्मवारी बन गई थी की कोई भी काम करतो उस तरह का ही करAऔक काम का लिए नीचपना गिरA इसलिए हमशा इसका खयाल रखा और आगपाभी रखूगा. मी ज़िन्दगी बहुत साधारण है और मरी दाल रोटी चल जाती है. कोई दिक्कत नहीं है. मैं फिलहाल बहुत कुछ लिखता रहा हूँ और आगपाअच्छी वर्षसरिज़ और अभिनय करता रहूँगा."