आज का संदेश स्वयं द्वारा स्वयं के विरुद्ध छेड़ा जाने वाला संग्राम ही संयम कहलाता है

(राकेश शौण्डिक - राँची/झारखंड)आज का संदेश स्वयं द्वारा स्वयं के विरुद्ध छेड़ा जाने वाला संग्राम ही संयम कहलाता है और सरल करें तो संयम की परिभाषा मात्र इतनी कि संयम अर्थात् एक युद्ध स्वयं के विरुद्ध। संयम मानवीय गुणों में एक प्रधान गुण है। पशुओं में स्वयं के विरुद्ध कोई युद्ध देखने को नहीं मिलता। पशुओं में इन्द्रिय निग्रह देखने को नहीं मिलता अर्थात् पशुओं में संयम नहीं होता है। इसका सीधा सा अर्थ यह हुआ कि जिस जीवन में संयम नहीं वह जीवन पशु भले न हो मगर मगर पशुवत जरूर हो जाता है। असंयमितता जीवन को पतन की ओर ले जाती है। असंयमित जीवन एक असंतुलित वाहन की तरह होता है, जिसमें चालक वाहन के ऊपर से अपना नियंत्रण पूरी तरह खो चुका होता है। अब थोड़ी देर से सही मगर वाहन का दुर्घटनाग्रस्त होना सुनिश्चित हो जाता है। व्यक्ति केवल पैरों से ही नहीं फिसलता है अपितु कानों से, आखों से, जिह्वा से और मन से भी फिसल जाता है। स्वयं के पैरों को गलत दिशा में जाने से रोकना, स्वयं के कानों को गलत श्रवण से रोकना, स्वयं की आँखों को कुदृश्य देखने से रोकना और स्वयं के मन को दुर्भावनाओं से बचाना, यह स्वयं के द्वारा स्वयं के विरुद्ध लड़ा जाने वाला संयम रुपी युद्ध नहीं तो और क्या है ? जीवन में संयमी और शुभ कार्यों में अग्रणी, ये श्रेष्ठ व्यक्तियों के लक्षण होते हैं। Rakesh Kumar shoundik Ranchi jharkhand


Popular posts
बैतूल पाढर चौकी के ग्राम उमरवानी में जुआ रेड पर जबरदस्त कार्यवाही की गई
Image
रायसेन में डॉ राधाकृष्णन हायर सेकंडरी स्कूल के पास मछली और चिकन के दुकान से होती है गंदगी नगर पालिका प्रशासन को सूचना देने के बाद भी नहीं हुई कोई कार्यवाही
अगर आप दुख पर ध्यान देंगे तो हमेशा दुखी रहेंगे और सुख पर ध्यान देंगे तो हमेशा सुखी रहेंगे
Image
जनपद पंचायत घोड़ाडोंगरी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री दानिश अहमद खान को जनपद पंचायत कोआमला का अतिरिक्त प्रभार
Image
भगवान पार ब्रह्म परमेश्वर,"राम" को छोड़ कर या राम नाम को छोड़ कर किसी अन्य की शरण जाता हैं, वो मानो कि, जड़ को नहीं बल्कि उसकी शाखाओं को,पतो को सींचता हैं, । 
Image