आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत दी जाने वाली चौथी किस्त का ऐलान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को किया. 12 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी जिसके बाद से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस पैकेज के तहत किस-किस मद में कितना पैसा दिया जाना है वो इसकी घोषणा कर रही हैं.
कोयला खनन में वाणिज्यिक गतिविधि के लिए छुट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आठ क्षेत्रों में सुधारों की घोषणा की है ताकि फ़ास्ट ट्रैक इन्वेस्टमेंट आ सके. हर मंत्रालय में एक प्रोजेक्ट डेवेलपमेंट सेल बनाने की योजना है ताकि यह जाना जा सके कि कैसे निवेश लाया जा सकता है. इसमें कोयला, खनिज पदार्थ, डिफेंस विनिर्माण, एयरोस्पेस मैनेजमेंट, स्पेस सेक्टर, एटॉमिक एनर्जी जैसे क्षेत्र शामिल हैं.
500 माइनिंग ब्लॉक की होगी नीलामी खनिज पदार्थ को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इसमें अलग-अलग क्षेत्रों के हिसाब से नीतियों में सुधार किया गया है. खनिज पदार्थ क्षेत्र में भी 500 माइनिंग ब्लॉक की नीलामी की जाएगी. इसमें बॉक्साइट और कोयले के ब्लॉक की साथ में नीलामी हो, इसकी कोशिश की जाएगी.
ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों का निगमीकरण होगा रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में संरचनात्मक सुधारों पर बोलते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता लाने के लिए 'मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने की ज़रूरत है. उन्होंने कहा कि सेना को जिन हथियारों की ज़रूरत है वो बाहर से मंगाए जाएंगे और उन हथियारों को नोटिफाई किया जाएगा जिन्हें भारत में ही बनाया जा सकता है, साथ ही हथियारों के आयातित पुर्जी को भारत में बनाने की व्यवस्था की जाएगी. साथ ही ऑर्डिनेंस फैक्ट्री शेयर मार्केट में लिस्टेड की जाएगी. रक्षा निर्माण में एफ़डीआई लिमिट को 49 फ़ीसदी से बढ़ाकर 74 फ़ीसदी कर दिया जाएगा. इसके अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई क्षेत्रों में संरचनात्मक सुधारों की घोषणा की, जो इस प्रकार हैं.. नागर विमानन क्षेत्र में संरचनात्मक सुधार के तहत तीन बड़े क़दमों की घोषणा की गई. भारतीय वायु क्षेत्र की पाबंदियों को सरल-सुगम बनाया जाएगा ताकि लोगों का समय बचे और ईंधन कम ख़र्च हो. . इस वायु क्षेत्र के विस्तार से एक हज़ार करोड़ रुपये का लाभ होगा. . छह एयरपोर्ट की पीपीपी के आधार पर नीलामी की जाएगी ताकि उन्हें बेहतर तरीके से विकसित किया जा सके. केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली वितरण का निजीकरण किया जाएगा. इससे बेहतर सेवा दी जा सकेंगी ताकि यह देशभर के लिए एक मॉडल बन सके. . सोशल बुनियादी ढांचे में 8100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जाएगा. अंतरिक्ष क्षेत्र में निजीकरण को बढ़ावा दिया जाएगा. निजी क्षेत्र की कंपनियों को इसरो के संसाधन इस्तेमाल करने का प्रावधान किया जाएगा. एटॉमिक क्षेत्र में पीपीपी के ज़रिए रिसर्च रिएक्टर में शोध को बढ़ावा दिया जाएगा