*मैं आपसे निजी तौर पर निवेदन कर रही हूँ*
अगर मार्केट खुलता भी है तो भी घर से बाहर ना जाएं क्योंकि वास्तविक स्थिति बहुत ज्यादा खराब है! 10% भी आंकड़े स्पष्ट नहीं है!
मई और जून पूरा घर पर ही रहें और आगे 1 साल तक बहुत ज्यादा आप अपनी और परिवार की सेफ्टी करें!
अपना ध्यान खुद रखें गवर्नमेंट के पास भी इसका कोई उपाय नहीं है, हालात बहुत खराब है!
अस्पतालों में व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है जो कर रहे हैं, वह खुद बहुत डरे हुए हैं!
अस्पतालों में पहुंचने वाला सामान्य पेशेंट भी कोरोना ग्रस्त हो रहा है!
*अपनी जान खुद बचाओ* स्थिति जितनी बताई जा रही है उससे कई गुना ज्यादा गम्भीर हैं,
इस बात को बिल्कुल हल्के में ना लें आपका कोई करीबी चाह कर भी आपकी मदद नहीं कर पाएगा, आपकी जमा पूंजी/सारा पैसा धरा का धरा रह जाएगा कोरोना होने पर कुछ भी काम नहीं आएगा!
*याद रहे, सच्चाई और दवाई दोनों बहुत कड़वी होती है, लेकिन स्वीकार करने में ही समझदारी है*
इस बात से ही अंदाजा लगा लीजिए कि 135 करोड़ की आबादी है अपने देश की अगर रोजाना 1 लाख टेस्ट भी होंगे... तो आखिरी व्यक्ति का नंबर 37 साल बाद आएगा !
यह अब हमारे जीवन का एक हिस्सा है जिसका असर कई वर्षों तक देखने को मिलेगा जैसे एड्स, कैंसर, पोलियो, टीबी और अब कोरोना। इन सभी बीमारियों में कोरोना संभवतः सबसे ज्यादा भीषण और घातक है।