गुजरात के सूरतए राजस्थान से उदयपुर एवं जयपुर तथा महाराष्ट्र के जलगांव से श्रमिकों का दल लौटा उमरिया अपनी घर वापसी से प्रसन्न है श्रमिक


उमरिया - वैष्विक महामारी कोविड 19 के कारण देष भर में जारी लाक डाउन के कारण उमरिया जिले के श्रमिक जो अन्य प्रदेषों मं आजीविका संचालन हेतु काम काज करने गये हुए थे ए लाक डाउन मे फंस गये थे। काम बंद होने के साथ ही रहने आदि की व्यवस्था नही होने के कारण ये श्रमिक परेषान एवं व्यथित थे। गुजरात प्रदेष के सूरत शहर में ग्राम चंदिया निवासी नीरज पाव एवं रोहित गडारी ने बताया शिकवे अपने बच्चो के साथ काम की तलाष में गये थे। लाक डाउन के बाद जो भी राषि संचित कर रखी थी वह खर्च हो चुकी थी। हम सबके सामने किसी भी तरह से घर पहुंचने की चिंता थी। कही से किसी भी तरह की मदद नही मिल पा रही थीमध्यप्रदेष के मुख्यमंत्री षिवराज सिंह चौहान ने हम गरीब श्रमिकों की चिंता की सबसे पहले उन्होंने खाते में एक एक हजार रूपये डलवाये उसके बाद सरकारी खर्च पर बसो के माध्यम से गृह जिला उमरिया एवं घर चंदिया तक पहुंचाने की व्यवस्था करवाई।


4 मई को अद्धरात्रि में 17 श्रमिको के साथ हम लोग डाईट उमरिया में बनाये गये क्वारेंटाईन सेंटर पहुचे जहां स्क्रीनिंग की गई ए भोजन की व्यवस्था तथा रूकने की व्यवस्था की गई इसके पष्चात घर तक छुडवाया गया। हम सब प्रदेष के मुख्यमंत्री एवं जिला प्रषासन को धन्यवाद ज्ञापित करते हैइसी तरह राजस्थान उदयपुर से ग्राम बन्नौदा निवासी अनिल सिंह एवं उनके 5 साथी श्रमिक एवं जयपुर राजस्थान से संतोष बैगा तथा उनके साथी श्रमिक भी मध्यप्रदेष सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई सुविधा से बस के द्वारा अपने गृह जिला उमरिया तथा अपने गांव पहुचे। महाराष्ट्र जलगांव से भी 16 श्रमिक जिनमें पांच महिला तथा 11 पुरुष शामिल है प्रदेष सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई सुविधा से अपने घर तक पहुच सके। जलगांव से आये मानपुर तहसील के ग्राम मझखेता निवासी राम बिहारी बैगा एवं उनके साथियों ने सरकार के प्रति कृतज्ञता जाहिर की है।