मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश के किसानों के परिश्रम से गेहूँ का रिकार्ड उत्पादन और उपार्जन का कार्य संभव हुआ है। कत्रमा के संकट के बावजूद प्रदेश की यह उपलब्धि मायने रखती है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि प्रदेश के उन किसानों कत्र चिंतित हमे की आवश्यकता नहीं है, जत्र गेहूं बेच नहीं पाए हैं। प्रदेश में रिकॉर्ड गेहूँ उपार्जन के बाद भी जिन जिलों में कत्रमा वायरस के कारण उपार्जन में विलंब हुआ या अन्य कारणों से किसान भाइयों के गेहूँ की तुलाई नहीं हत्र पाई है वहां खरीदी 31 मई तक हीप्रदेश में गेहूँ उत्पादन और उपार्जन के सभी रिकार्ड टूट गए हैं। किसान की मेहनत ही इसका मुख्य कारण है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज किसानों के नाम संदेश में कहा कि दत्र महीने पहले प्रदेश में परिस्थितियाँ काफी विषम थीं और गेहूँ उपार्जन की कई भी व्यवस्था नहीं थी। कम समय में शासन द्वारा खरीदी की सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गई और किसानों से गेहूँ उपार्जन का कार्य व्यवस्थित रूप से प्रारंभ किया गया। मध्यप्रदेश में कत्रमा की विपरीत परिस्थितियों में रिकॉर्ड गेहूँ उत्पादन हुआ है। किसानों ने जहां रिकॉर्ड उत्पादन किया वहीं सरकार ने रिकॉर्ड खरीदी का कार्य किया है। इसके लिए सभी प्रबंध किए गए। पुख्ता व्यवस्थाओं से मिला किसानों कत्र लाभ मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि 2 माह पूर्व प्रदेश में गेहूँ उपार्जन की कई भी व्यवस्था नहीं थी। प्रदेश में 16 अप्रैल से 25 मई तक 15 लाख तीन हजार किसानों से 114 लाख 70 हजार मीट्रिक टन अर्थात 11 करऋ 47 लाख क्विंटल गेहूँ का उपार्जन किया गया। निजी मंडियां भी खत्री गईं। ई-ट्रेडिंग का विकल्प भी उपलब्ध करवाया गया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जिन स्थानों पर गेहूँ की खरीदी का कार्य शेष है वहां किसानों कत्र एसएमएस भेजने की व्यवस्था की जाएगी और आगामी 31 मई तक गेहूँ खरीदी का कार्य किया जाएगा।
किसान कल्याण के महत्पूर्ण फैसले मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा किसानों के हित में राज्य में अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए गए दें। राज्य सरकार ने पिछले वर्ष की बीमा राशि का अंशदान 2200 करऋ 15 लाख किसानों कत्र भुगतान करने की पहल कीइससे किसानों कत्र 2900 करक रुपए की फसल बीमा राशि का लाभ मिल सका। वर्ष 2019-20 की बीमा राशि के भुगतान का निर्णय लिया गया।इससे किसानों कत्र 4 हजार करक से अधिक राशि के भुगतान का रास्ता खुल गया।मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान यना में 68 लाख 13 हजार किसानों कत्र 1362 करक रुपए की राशि जारी की गईमुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गत वित्त वर्ष में किसानों कत्र शून्य प्रतिशत ब्याज पर फसल ऋण दिया गया थाइसके भुगतान की आखिरी तारीख 31 मई कर दी गई। इसके लिए शासन ने 55 कर का वित्तीय भार वहन किया
टूटे खरीदी के पुराने रिकार्ड प्रदेश में गेहूँ उपार्जन में राज्य शासन द्वारा किसानों कत्र विक्रय के कई विकल्प देते हुए उपार्जन केंद्रों की संख्या भी जत्र गत वर्ष 3511 थी, इस वर्ष बढ़ाकर 4507 की गई। इन प्रयासों के फलस्वरूप प्रदेश में रिकार्ड टाइम में गेहूँ खरीदी कर किसानों कत्र राशि का भुगतान कर लाभान्वित किया गयाप्रदेश के इतिहास में यह सर्वाधिक खरीदी है। गत वर्ष से भी यह खरीदी चार करक क्विंटल से अधिक है। गत वर्ष कुल 73 लाख 69 हजार मीट्रिक टन खरीदी की गई थी। पहले वर्ष 2012-13 में सर्वाधिक 84 लाख 89 हजार मीट्रिक टन की खरीदी
गेहूं खरीदी का विवरण जिनसे किसानों की संख्या उपार्जित गेहूँ की मात्रा उपार्जन किया गया गत वर्ष 2019-20 लाख 66 हजार 7 कर 36 लाख क्विंटल अभी तक की उच्चतम खरीदी10 लाख 27 हजार कर 48 लाख क्विंटल वर्ष 2012-13 में वर्तमान वर्ष 2020-/ 15 लाख 3 हजार 11 करक 47 लाख क्विंटल 21 में
गेहूँ खरीदी: प्रमुख तथ्यगत वर्ष 2019-20 में 9 लाख 66 हजार किसानों से 7 करक 36 लाख क्विंटल गेहूं खरीद हुई। अभी तक की उच्चतम खरीदी वर्ष 2012-13 में थी जत्र 10 लाख 27 हजार किसानों से 8 कर 48 लाख क्विंटल थी। वर्तमान वर्ष 2020-21 में 15 लाख 3 हजार किसानों से 11 कर 47 लाख क्विंटल गेहूं खरीद हुईअन्य खरीदी प्रदेश में चना, सरसों, मसूर खरीदी भी हुई। प्रदेश में 24 मई तक 95 हजार किसानों से 1 लाख 40 हजार मीट्रिक टन (14 लाख क्विंटल) चना, 34 हजार 300 किसानों से 73 हजार मीट्रिक टन ( 7 लाख 30 हजार क्विंटल) सरसों एवं 1 हजार 47 कृषकों से 600 मीट्रिक टन (6000 क्विंटल) मसूर का उपार्जन किया जा चुका है। प्रदेश के 691 केन्द्रों पर यह खरीदी की गई है।गत वर्ष किसानों से चने की खरीदी अधिकतम 15 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के आधार पर की गई थी जिसे इस वर्ष वास्तविक उपज के मान से बढ़ाकर 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर कर दिया गया हैइससे किसान अधिक उपज बेच पा रहे हैं। किसानों की संख्या फसल का नाम जिनसे उपार्जन कियाउपार्जित मात्रा गया चना 95 हजार 14 लाख क्विंटल सरसों 34 हजार 300 |7 लाख 30 हजार क्विंटल मसूर 1 हजार 47 6000 क्विंटल