*खबरों में सुना,पढ़ा और देखा जा रहा है कि 3 से 5 जून के मध्य होने वाला शिवराज मंत्रिमंडल के दूसरे गठन पर काले बादल मंडरा गए हैं! वजह लॉक डाउन के बाद की बताई जा रही है, किन्तु हकीकत इससे इतर है। भाजपा के अंदरखाने में ही इस बात की चर्चा हो रही है कि उसके द्वारा कांग्रेस से आयातित पनौती से भाजपा जहां ब्लैकमेलिंग की शिकार हो रही है, वहीं भाजपाई मौजूदा पनौती के समर्थकों का पार्टी के वरिष्ठ विधायकों व नेताओं द्वारा सीधा विरोध खुलकर सामने आ गया है!! सत्ता की दाढ़ में लगे खून के आगे अनुशासन के सारे पाठ बोथरे व बेअसर साबित हो रहे हैं।*
*कुल मिलाकर यह कहना ही प्रासंगिक होगा कि "जहां-जहां पैर पड़े "श्रीअंतो" के,वहां-वहां बंटाधार"....वैसे भी शिवराज सरकार अधिक दिनों की मेहमान नहीं है, 24 उपचुनाव परिणामों के बाद एक बार फिर राज्य की प्रगति,विकास की दूरदृष्टि व सकारात्मक सोच रखने वाले माननीय कमलनाथ जी मुख्यमंत्री पद पर पुनः आसीन होंगे, यह बात मैं बिना किसी लाग लपेट के कह रहा हूं, यह अवाम की आवाज़ है।*
खबरों में सुना,पढ़ा और देखा जा रहा है कि 3 से 5 जून के मध्य होने वाला शिवराज मंत्रिमंडल के दूसरे गठन पर काले बादल मंडरा गए हैं! के के मिश्रा