वन अधिकार अधिनियम के तहत निरस्त दावों का निराकरण प्राथमिकता के साथ शीघ्रता से करने के कलेक्टर के निर्देश
उमरिया - वन अधिकार अधिनियम के तहत निरस्त दावों का परीक्षण कर पात्र पाये गये अनुसूचित जन जाति के हितग्राहियों को वनाधिकार पट्टे उपलब्ध कराना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने ग्राम स्तर से ग्राम सभा के माध्यम से प्राप्त दावों का परीक्षण करने के पश्चात आनलाईन फीड कराने तथा पात्र हितग्राहियो को लाभान्वित करने के निर्देश दिए है। आपने कहा कि ग्राम स्तर पर ग्राम पंचायत सचिवए पटवारी तथा वन रक्षक द्वारा इन दावों का परीक्षण किया जा रहा है। यदि आवेदक के पास साक्ष्य उपलब्ध नही है तो दो बुजुर्गो के कथन लेकर उसे साक्ष्य मान लिया जाए।
बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अंशुल गुप्ताए वन मण्डलाधिकारी आर एस सिकरवारए उप संचालक बांधवगढ टाईगर रिजर्व सिद्धार्थ गुप्ताए एसडीएम बांधवगढ अनुराग सिंहए एसडीएम मानपुर एवं पाली सिद्धार्थ पटेल सहायक आयुक्त आदिवासी विकास आनंद राय सिन्हा ए जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ए अनुविभागीय अधिकारी वन तथा मास्टर ट्रेनर उपस्थित रहेवन मण्डलाधिकारी ने कहा कि वनाधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त दावों को ग्राम स्तरीय समिति से पारित होने के बाद ही परीक्षण करायेमुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अंशुल गुप्ता ने सहायक आयुक्त आदिवासी विकास को निर्देशित किया कि ग्राम स्तर पर की जाने वाली कार्यवाही तथा दायित्वों के निर्वहन की संक्षेपिका बनाकर जिसमें क्या करे ए क्या न करें की जानकारी ग्राम पंचायत सचिव ए पटवारी तथा वन रक्षक को उपलब्ध कराएंवन मण्डलाधिकारी एवं उप संचालक बीटीआर ने कहा कि वन विभाग के मैदानी अमले को सहयोग के निर्देश दिए गए है। यदि मैदानी अमले द्वारा लापरवाही या उदासीनता बरती जा रही हो तो इसकी जानकारी उपलब्ध कराई जाए जिससे संबंधितों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा सके