फिर भी न जाने क्यूं पिता पीछे रह जाता है - संजय पवार


फिर भी न जाने क्यूं पिता पीछे रह जाता है


माँ नौ महीने पाल्ती है


पिता 25 साल पालता है


माँ बिना तानख्वाह घर का सारा काम करती है


पिता पूरी कमाई घर पे लुटा देता है


फिर भी न जाने क्यूं पिता पीछे रह जाता है 


माँ ! जो चाहते हो वो बनाती है


पिता ! जो चाहते हो वो ला के देता है


फिर भी न जाने क्यूं पिता पीछे रह जाता है


माँ ! को याद करते हो जब चोट लगती है


पिता ! को याद करते हो जब ज़रुरत पड़ती है


फिर भी न जाने क्यूं पिता पीछे रह जाता है


माँ की ओर बच्चो की अलमारी नये कपड़े से भरी है


पिता कई सालो तक पुराने कपड़े चलाता है


फिर भी न जाने क्यूं पिता पीछे रह जाता है


पिता अपनी ज़रुरते टाल कर सबकी ज़रुरते समय से पुरी करता है


किसी को उनकी ज़रुरते टालने को नहीं कहता


फिर भी न जाने क्यूं पिता पीछे रह जाता


है दिल से


Popular posts
भगवान पार ब्रह्म परमेश्वर,"राम" को छोड़ कर या राम नाम को छोड़ कर किसी अन्य की शरण जाता हैं, वो मानो कि, जड़ को नहीं बल्कि उसकी शाखाओं को,पतो को सींचता हैं, । 
Image
भगवान का निवास स्थान*
Image
कान्हावाड़ी में बनेगी अनूठी नक्षत्र वाटिका, पूर्वजों की याद में लगायेंगे पौधे* *सांसद डीडी उइके एवं सामाजिक कार्यकर्ता मोहन नागर ने कान्हावाड़ी पहुँचकर किया स्थल निरीक्षण
Image
पुलिस कर्मियों के बच्‍चों के लिए नवीन शिक्षा निधि नियम जारी* *पुलिस महानिदेशक का बड़ा फैसला- निजी संस्‍थान में अध्‍ययन करने वाले पात्र बच्‍चों को भी मिलेगा लाभ*
Image
आंसू" जता देते है, "दर्द" कैसा है?* *"बेरूखी" बता देती है, "हमदर्द" कैसा है?*