राजस्थान की कांग्रेस सरकार में अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट की लड़ाई में गहलोत भारी साबित हुए हैं.


अशोक गहलोत ने दिखाई ताक़त, सचिन पायलट को संदेश, बीजेपी के अमित मालवीय ने उठाए सवाल



सोमवार को जयपुर अशोक गहलोत के निवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई. 107 विधायक इस बैठक में शामिल हुए हैं. बैठक से बाहर निकले एक विधायक ने कहा,- "आल इज़ वेल." हालांकि गहलोत सरकार पर भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने निशाना साधा है. अमित मालवीय ने कहा कि अगर गहलोत के पास बहुमत है तो उन्हें तुरंत फ्लोर टेस्ट करा कर अपना बहुमत साबित करना चाहिए. अमित मालवीय ने ये भी लिखा है कि वे अपने विधायकों को रिसॉर्ट में ले जा रहे हैं तो स्पष्ट रूप से उनके पास संख्या नहीं है. सरकार में बने रहने के लिए अशोक गहलोत को 101 विधायकों का समर्थन चाहिए. गहलोत सरकार के मंत्रियों ने दावा किया है कि उनके पास 115 विधायकों का समर्थन है. कांग्रेस विधायक दल की बैठक में विधायकों ने कांग्रेस आलाकमान और अशोक गहलोत में पूरा भरोसा जताया. इन विधायकों ने कांग्रेस सरकार या पार्टी विरोधी गतिविधि में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से लिप्त विधायकों पर कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने का प्रस्ताव पारित किया है. माना जा रहा है कि इस प्रस्ताव के बहाने सचिन पायलट को कड़ा संदेश देने की कोशिश भी गहलोत समर्थकों की ओर से की गई है. व्हिप जारी होने के बाद भी सचिन पायलट कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हुए. वे दिल्ली में बने हुए हैं. हालांकि सोमवार की सुबह रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मीडिया से कहा कि कांग्रेस के दरवाजे सचिन पायलट के लिए खुले हुए हैं और बातचीत करके कोई भी समस्या सुलझायी जा सकती है. इससे पहले रविवार को सचिन पायलट के दफ्तर से एक बयान जारी कर कहा गया था कि उनके साथ 30 विधायक हैं और अशोक गहलोत सरकार अल्पमत हो गई है.' विधायक दल की बैठक में विधायकों की बड़ी तादाद को देखते हुए सवाल उठ रहे हैं कि सचिन पायलट के दावे सच नहीं निकले. विधायकों के साथ अशोक गहलोत ने विक्ट्री साइन भी दिखाया. पूरे मामले में सचिन पायलट कहीं नहीं दिखे और ना ही वे अब तक मीडिया के सामने आये हैं. हालांकि भारतीय मीडिया की रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच में सुलह कराने के लिए प्रियंका गांधी ने दोनों नेताओं से बातचीत की है और वह सुलह का रास्ता निकाल रही हैं.


बैठक से पहले सुरजेवाला का निशाना पूरे विवाद पर बैठक से पहले कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने 'बागी बने सचिन पायलट पर बिना नाम लिये निशाना साधा. उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा के कारण चुनी हुई सरकार को अस्थिर करना वाजिब नहीं है. सुरजेवाला ने कहा, "व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा हो सकती है लेकिन राजस्थान को लोगों की भलाई सबसे बड़ी है. मैं सभी विधायकों, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से अपील करता हूं इस विधायक दल की बैठक में शामिल हों."


कहां हैं पायलट? सचिन पायलट सोमवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हए. पायलट के सहयोगियों का कहना है कि जब विधानसभा का सत्र नहीं चल रहा, ऐसे में व्हिप जारी करना नियम के ख़िलाफ़ है.' कहा जा रहा है कि सीएम के घर पर विधायकों के आने के लिए व्हिप कैसे जारी किया जा सकता है? कांग्रेस पार्टी के राजस्थान प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा कि सभी विधायकों को मुख्यमंत्री के घर बुलाया गया है और जो विधायक नहीं आएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. सचिन पायलट अभी दिल्ली में हैं. उधर कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकती है. पूरे मामले पर शनिवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा था, "एसओजी को जो कांग्रेस विधायक दल ने बीजेपी नेताओं द्वारा ख़रीद-फरोख्त की शिकायत की थी उस संदर्भ में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, चीफ व्हिप के साथ अन्य कुछ मंत्री, विधायकों को सामान्य बयान देने के लिए नोटिस आए हैं. कुछ मीडिया द्वारा उसको अलग ढंग से प्रस्तुत करना उचित नहीं है."


कांग्रेस नेता राजीव अरोड़ा, धर्मेंद्र राठौड़ और सहयोगियों के जयपुर स्थित आवास पर आयकर विभाग की टीमें पहुंची हैं. आयकर विभाग की टीमें कांग्रेस नेताओं के आवास और दफ्तर पर मौजूद है.जानकारी के अनुसार केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल का सहयोग लिया गया है. छापेमारी राजीव अरोड़ा के जयपुर के अपार्टमेंट में करीब 8 से 9 लोगों की टीम के साथ कार्रवाई जारी है. कांगेस प्रवक्ता अर्चना शर्मा ने इस कार्रवाई को केंद्र की साज़िश बताया है.


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