शिवराजजी,एक समारोह में श्री कैलाश विजयवर्गीय व "श्रीअन्त" का हाथ आप एक अलग अन्दाज़ में मिलवा रहे हैं!कैलाशजी को तो आप ख़ुद अब तक पचा नहीं पाए हैं! के के मिश्रा"


शिवराजजी,एक समारोह में श्री कैलाश विजयवर्गीय व "श्रीअन्त" का हाथ आप एक अलग अन्दाज़ में मिलवा रहे हैं!कैलाशजी को तो आप ख़ुद अब तक पचा नहीं पाए हैं!"दो की दलाली में तीसरे का क्या काम"?इन "दोनों की मित्रता" तो जग जाहिर है?यह तस्वीर ही बहुत कुछ कह रही है?