*.
*घर से जब भी बाहर जाये*
*तो घर में विराजमान अपने प्रभु से जरूर*
*मिलकर जाएं*
*और*
*जब लौट कर आए तो उनसे जरूर मिले*
*क्योंकि*
*उनको भी आपके घर लौटने का इंतजार*
*रहता है*
*"घर" में यह नियम बनाइए की जब भी आप घर से बाहर निकले तो घर में मंदिर के पास दो घड़ी खड़े रह कर कहें *
*"प्रभु चलिए..*
*आपको साथ में रहना हैं"..!*
*ऐसा बोल कर ही घर से निकले *
* क्यूँकिआप भले ही*
*"लाखों की घड़ी" हाथ में क्यूँ ना पहने हो*
*पर*
* "समय" तो "प्रभु के ही हाथ" में हैं न*