"लड़की होकर तू क्या खेलेगी, जा बाहर जाकर ताली बजा. जब मैं क्रिकेट खेलने जाती तो लड़के यही बोलते. तब मेरे बाल भी लीले थे. बड़ा अजीब सा लगता था. मैंने भी तब ठान लिया कि बाल कटवा लूँगी. मैं जब बाल कटवा कर गई तो उन्हें पता ही नही चला कि ये मैं हूँ. मुझे लड़की से लड़का बनना पड़ा." 16 साल की ये क्रिकेटर वही शेफाली वर्मा है जिन्होंने बलिादेश के खिलाफ़ टी-20 वर्ल्ड कप मैच में भारत को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई. शिफ़ाली ने 17 गेंदों में 39 रन बनाए थे. लेकिन शेफ़ाली की ऊपर कही बातें ये बताने के लिए काफ़ी हैं कि आज भी किसी छोटे शहर या कस्बे में एक लड़की को मैदान पर खेलने के लिए किस कदर सीघर्ष करना पड़ता है. पर साथ ही भारतीय क्रिकेट टीम की ऐसी युवा खिलाड़ी हिम्मत और हौसले की भी मिसाल हैं. शेफ़ाली वर्मा ऑस्ट्रेलिया में टी-20 वर्ल्ड कप के लिए भारत की महिला क्रिकेट टीम का हिस्सा हैं. सितबर 2019 में 15 साल की उम्र में शिफ़ाली ने भारत के लिए टी-20 टीम में डेब्यू किया था. शेफ़ाली सचिन तेंदुलकर की बहुत बड़ी फैन हैं. पिछले साल उन्होंने अपने हीरो सचिन का 30 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया जब वो अतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अर्धशतक बनाने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय बनी शिफ़ाली ने वेस्टइंडीज़ के खिलाफ़ 49 गेंदों में 73 रन बनाए थे.
वर्ल्ड कप में 17 गेंदों में 39 रन बनाने वाली क्रिकेटर की कहानी