इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने एग्जिट पोल में अपने प्रतिद्वंद्वी बेनी गंट्ज़ से आगे रहने के बाद आम चुनावों में जीत का दावा किया है. तीन एग्जिट पोल्स में नेतन्याहू की दक्षिणपंथी लिकुड पार्टी को 36-37 सीटें और गंट्ज़ के उदारवादी ब्लू एंड व्हाइट गठबंधन को 32 से 34 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है. हालांकि, यह अनुमान भी लगाया गया है कि लिकुड और इसके दक्षिणपंथी झुकाव वाले सहयोगी दल संसद में बहुमत हासिल करने से दूर रह जाएंगे. सोमवार को हुए चुनाव इसराइल में एक साल से कम अवधि में हुए तीसरे चुनाव हैं. पिछले दोनों चुनावों में दोनों मुख्य दलों के नेता 120 सीटों वाली संसद में बहुमत हासिल करने में सफल नहीं हो पाए थे.70 साल के नेतन्याहू इसराइल में सबसे अधिक समय तक शासन करने वाले प्रधानमंत्री हैं. इन चुनावों में जीत मिली तो वह लगातार पांचवीं बार प्रधानमंत्री बनेंगे. वह 1996 से 1999 तक और फिर 2009 से अभी तक पीएम हैं. इसराइल में चुनाव उस समय हुए हैं जब प्रधानमंत्री नेतन्याहू को जल्द ही अदालत में भ्रष्टाचार के मामले का सामना करना है. नेतन्याहू नेतन्याहू अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताया है. इमेज कॉपीरइट FP क्या सुझा रहे एक्ज़िट पोल चुनाव से पहले हुए ओपिनियन पोलों ने संकेत दिए थे कि लिकुल और ब्लू एंड व्हाइट को बराबर सीटें मिल सकती हैं. इसका मतलब था कि नेतन्याहू और गंट्ज़, दोनों को ही स्पष्ट रूप से जीत नहीं मिलेगी. मगर इसराइल के तीन मुख्य प्रसारकों की ओर से जारी एग्जिट पोल्ट में अनुमान लगाया गया है कि लिकुड पार्टी को ब्लू एंड व्हाइट की तुलना में चार से पांच सीटें अधिक मिल सकती हैं. अरब पार्टियों के गठबंधन को 14-15 सीटें मिलने का अनुमान है जबकि अति धर्मनिष्ठ पार्टियों को 16-17 सीटें मिल सकती हैं. इमेज कॉपीरइट PA राष्ट्रवादी इसराइल बेतेनू पार्टी छह से सात सीटें जीत सकती हैं, दक्षिण पंथी यामीना गठबंधन को सात और सेंटर लेफ्ट एलजीएम को छह से सात सीटें मिल सकती हैं. अगर एग्जिट पोल के अनुमान सही रहते हैं तो इसका मतलब है कि लिकुड और इसके दक्षिण पंथी सहयोगी दल 59-60 सीटें जीत लेंगे जो कि बहुमत से एक या दो सीटें ही कम हैं. मगर एग्जिट पोल्स पहले गलत भी साबित हुए हैं. शुरुआती नतीजे मंगलवार को आने की उम्मीद है. - इसराइली सैनिकों को लड़कियों की तस्वीर से ललचाया. फिर... इसराइल क्यों रहता है ईरान के निशाने पर फ़लस्तीन के लिए क्या मतलब होगा? फ़लस्तीन लिबरेशन आर्गनाइजेशन (PLO) के महासचिव साएब इरेकत ने एग्जिट पोल जारी होने के बाद कहा, "इसराइली चुनाव में जबरन बसने, कब्ज़ा करने और रंगभेद की नीति वालों की जीत हुई है." नेतन्याहू ने कब्जे वाले वेस्ट बैंक में यहूदी बस्तियों वाले इलाके को इसराइल में मिलाने का वादा किया है. अपने चुनाव अभियान के दौरान नेतन्याहू ने वादा किया था कि अगर वह पांचवीं बार जीते तो तुरंत वेस्ट बैंक में मौजूद यहूदी बस्तियों और जॉर्डन वैली को इसराइल में शामिल कर लेंगे. इमेज कॉपीरइट EUTER Image caption वेस्ट बैंक में बनाई गई यहदी बस्तियां नेतन्याहू के लिए ऐसा करना आसान हो गया है क्योंकि अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने जनवरी में मध्य पूर्व के लिए जो शांति योजना योजना पेश की थी, उसमें वेस्ट बैंक के हिस्सों को इसराइल का मानने का प्रस्ताव है. फ़लस्तीनियों ने ट्रंप की योजना को एकतरफ़ा बताते हुए खारिज कर दिया है. उनका कहना है कि कोई भी शांति समझौता होने से पहले सभी बस्तियों को हटाना चाहिए. इसराइल द्वारा 1967 में वेस्ट बैंक और यरूशलम में किए गए कब्जे के बाद से 140 बस्तियां बनाई गई हैं जहां छह लाख से अधिक यहूदी यहूदी रह रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत इन बस्तियों को अवैध माना जाता है जबकि इसराइल इस बात से सहमत नहीं है. अमरीका ने भी कहा है कि वह इन बस्तियों को अवैध नहीं मानता.
बिन्यामिन नेतन्याहू ने इसराइल के आम चुनावों में किया जीत का दावा