कोरोना वायरस के संदिग्धों के आते ही 8 मंजिला अस्पताल हुआ वीरान मोहर सिंह । यपुर

कोरोना वायरस के संदिग्धों के आते ही 8 मंजिला अस्पताल हुआ वीरान मोहर सिंह


यपुरकोरोना वायरस का असर भारत में किस क़दर लोगों को डरा रहा है यह यपुर में तब देखने को मिला 'ब शहर के एक अस्पताल में इसके संदिग्ध मरीज़ पहुंचे. ब अस्पताल में पहले से भर्ती मरीजों के बीच यह ख़बर पहुंची तो उनमें हड़कंप मच गया और एक-एक कर वो अस्पताल छोड़ कर चले गए. यह मामला । यपुर में प्रताप नगर के रा स्थान यूनिवर्सिटी ऑफ़ हेल्थ साइंसेज़ (आरयूएचएस) का है. कोराना वायरस के नौ संदिग्ध मरीज़ । ब मंगलवार की रात को यहां पहुंचे तो उन्हें दूसरी मंजिल पर 286 नंबर मेल वार्ड में भर्ती किया गया. लेकिन धीरे-धीरे कर यह ख़बर पूरे अस्पताल में फैल गई और एक-एक कर पहले से भर्ती मरीज़ वहां से आने लगे. अब आलम ये है कि अस्पताल के सभी वार्ड खाली हैं. यहां तक कि । कर्मचारी मौष ट हैं, वो भी खौफ़ज़दा हैं. रहे और सभी संदिग्ध मरीज़ केवल वार्ड बॉय इतना ही नहीं, डॉक्टर भी इन मरीजों को देखने तक नहीं और नर्सिंगकर्मियों के भरोसे हैं. हालात किस क़दर बिगड़े हुए हैं इसका अनुमान इसी से लगाया । सकता है कि आठ मंजिला अस्पताल के सभी फ्लोर खाली पड़े हैं.भर्ती कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीज़ ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाकर डॉक्टरों से इला' के लिए विनती कर रहे हैं लेकिन वायरस का डर डॉक्टर्स में भी इस क़दर है कि संदिग्ध मरीजों की आवाजें उनके कानों तक नहीं पहुंच रही हैं. साथ ही संदिग्ध मरीज़ों के अस्पताल में पहुंचने से पहले । हां मंगलवार को ओपीडी में 560 मरीज़ इला' के लिए पहुंचे वहीं इनके भर्ती होने के अगले ही दिन यानी बुधवार को ओपीडी में एक भी मरीज़ नहीं पहुंचा. अस्पताल प्रशासन का कुछ भी बोलने से इनकार Vब बीबीसी ने आरयूएचएस के प्रिंसिपल डॉ. सुधांशु कक्कड़ से कोरोनावायरस के संदिग्धों के लिए प्रशासनिक व्यवस्थाओं के बारे में नना चाहा, तो डॉ कक्कड़ ने कहा, "मैं मीडिया से कोई बात नहीं करूंगा. उन्होंने कैबिन से बाहर की तरफ़ इशारा करते हुए कहा, आप बाहर चले गए." घुटनों तक का गाउन, कैप, मास्क और चश्मा लगाए सफाई कर्मचारी कृष्णा अभी कोरोनावायरस के संदिग्धों के वार्ड में सफ़ाई करके लौटे हैं. कोरोनावायरस का डर उसकी लड़खड़ाती आवाज़ और अस्पताल प्रशासन पर उसकी खी से बदइंतज़ामी का आलम साफ़ दिखाई पड़ रहा था. वो कांपते हाथ से इशारा करते हुए बोले, "इस किट में मुझे कोरोनावायरस संदिग्धों के वार्ड में सफाई करने भेन दिया गया, मेरी भी न है." फिर गर्दन हिलाते हुए बोले, "अब मैं वहां नहीं उंगा." कोरोनावायरस के मरीजों की देखभाल कर रहे नर्सिंग कर्मचारियों का कहना है, "हम लड़ने को तैयार हैं, लेकिन हमें हथियार तो दिए एं. हमारे पास न किट है, न आइसोलेशन वार्ड में ज़रूरी संसाधन. हमारी भी न है, हमारा भी परिवार है. डॉक्टर कोरोना वायरस संदिग्धों के पास नहीं पा रहे हैं. हम नर्सिंग कमचारियों को ही वार्ड में भे ज रहा है."


अस्पताल के ही रेज़िडेंट हॉस्टल में रहने वाले 30 वर्षीय डॉ वसीम 3 मार्च तक अस्पताल के आईपीडी में भर्ती रहकर इलाा करा रहे थे. उसी रात कोरोना वायरस के संदिग्ध को अस्पताल में भर्ती किया गया था. डॉ वसीम बताते हैं, "उस दौरान कोरोना वायरस के संदिग्धों को अस्पताल में भर्ती करने की सूचना पहले से भी अन्य मरीज़ों में फैलने लगी." "इला करवा रहे लोग पैनिक हो गए. वार्ड में ड्यूटी कर रहे नर्सिंग कर्मचारी भी कोराना वायरस के संदिग्धों पर चर्चा करने लगे. देखते ही देखते उसी रात सभी मरीज़ छुट्टी लेकर ने लगे. पहले महिला वार्ड खाली हुआ." डॉ वसीम ने भी अस्पताल से छुट्टी ले लिया और वो फ़िलहाल आरयूएचएस अस्पताल परिसर के रेजिडेंट हॉस्टल में ही आराम कर रहे हैं. वह बताते हैं कि हॉस्टल से भी कुछ डॉक्टर छुट्टी पर चले गए हैं. अस्तपताल में मंगलवार तक चाकसू के मरीज़ हनुमान पुत्र लक्ष्मी नारायण भी भर्ती थे. वह बताते हैं कि कोरोना वायरस के संदिग्धों के भर्ती होने की सूचना पर उनको उसी रात यपुरिया अस्पताल में रेफ़र कर दिया गया. वहीं अस्पताल के सामने चाय की दुकान लगाने वाले सीताराम शर्मा कहते हैं, "मैं तो सोच रहा था आV दुकान ही बंद रखू. यूं तो रोज़ाना पाँच लीटर तक दूध खप या करता था, लेकिन कोरोना वायरस के संदिग्धों के यहां भर्ती होने के बाद महज़ एक लीटर दूध का खपना भी मुश्किल हो गया है." कहां से आए थे कोरोना वायरस के 9 संदिग्ध? इटली से 20 पर्यटकों का एक दल 21 से 28 फ़रवरी के बीच रास्थान घूमने आया. 1ो उदयपुर, धपुर, झुंझुनू, बीकानेर से होते हुए 29 फ़रवरी को । यपुर पहुंचा. यह दल । यपुर में रा पार्क के होटल रमाडा में ठहरा था. बीमार होने पर एंड्री काली नामक 69 वर्षीय मरीज़ को 29 फरवरी को ही । यपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती करवाया गया. दूसरे दिन उसकी कोरोना वायरस Vाँच रिपोर्ट पॉपि टिव पाई गई. इसे कंफ़र्म करने के लिए उसकी और दो बार कराई गई पाँच भी पॉपि टिव मिली. अब तक सरकार ने क्या किया? सरकार ने प्रशासनिक निर्णय लेते हुए 3 मार्च को कोरोना वायरस पॉछि टिव मरीज़ कार्ली समेत उसके संपर्क में आए सभी लोगों की च का फैसला किया. इसके साथ ही । हां यह दल ठहरा था, उन सभी 6 होटलों को सील कर दिया. । यपुर के आरयूएचएस अस्पताल को सरकार ने टेक ओवर करते हुए यहां पर कोरोना संदिग्धों को भर्ती करने का फैसला किया. इस फैसले से नाराज़ आरयूएचएस अस्पताल के डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ़ ने सेवाएं देने से मना कर दिया. उसी रात सरकार ने एसएमएस अस्पताल के क़रीब एक दान डॉक्टर और 30 नर्सिंगकर्मी आरयूएचएस अस्पताल को भेजने के निर्देश परी किए. लेकिन खबर लिखे ने तक एक भी डॉक्टर या नर्सिंगकर्मी अस्पताल में नहीं पहुंचा है.


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