जब शराब बंदी करनी थी, तो नोट बंदी कर दी !
जब टैक्स कम करके व्यापारियों को राहत देनी थी तो GST लगा दी !
जब AIIMS और यूनिवर्सिटी बनानी थी तो 3000 करोड़ की मूर्ति बनवा दी!
जब 2 करोड़ नौकरियां हर साल देनी थी तो सबको चौकीदार बना दिया !
जब बेरोज़गारी हटानी थी तो पकौड़ों की रेहड़ी लगाने की सलाह दे दी !
जब भाईचारा बढ़ाना था तो सारे देश में हिंदू मुस्लिम में नफ़रत फैला दी !
बाढ़ रोकने के लिए बांध बनाने थे तो पूरे देश में अपनी पार्टी का मुख्यालय और कार्यालय बनवा दिये !
वायु मार्ग से जवानों को सुरक्षित भेजना था तो सड़क मार्ग से भेज कर 40 जवान शहीद करवा दिए !
जब कोरोना वायरस से बचाव के लिए रणनीति बनानी थी, तब ट्रंप की आरती उतारी जा रही थी !
जब मास्क बनवाने थे तब ग़रीबी छुपाने के लिए दीवार बनवाई जा रही थी ।
जब वेंटीलेटर ख़रीदने थे तो विधायकों को ख़रीदा जा रहा था।
जब विदेशियों को रोकना था तब मध्य प्रदेश में सरकार बनाई जा रही थी !
जब डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए उपकरण मुहैया कराने थे तो ताली थाली पीटवाई जा रही थी।
लॉक डाउन करने से पहले तैयारी करनी थी तो अपने भक्तों की संख्या चैक की जा रही थी।
जब डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को सुरक्षा मुहैया करानी है लोगों को चेतावनी देनी है तो दिया/ मोमबत्ती जलाने की सलाह दी जा रही थी।
अब प्रवचन दिये जा रहे हैं !
👉लॉक डाउन का सख्ती से पालन करें
👉अपना ध्यान खुद रखें
👉भूखों का भी ध्यान रखें
👉बुजुर्गो का विशेष ध्यान रखें
तो बताओ आपको प्रधान मंत्री किस लिए बनाया है?
सरकार की नाकामी पर बात करो तो कहते हैं कि सकंट की इस घड़ी में राजनीति ना करो।
गोविंद पटेल