ज्योतिरादित्य सिंधिया का प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल को संबोधित पत्र पढ़ा - नरेंद्र सलूजा मीडिया समन्वयक
पत्र की भाषा पढ़ी।पत्र में वे किसानों की समस्याओं को लेकर कृषि मंत्री से आग्रह कर रहे हैं , उन्हें सुझाव दे रहे हैं ,उनका ध्यान आकर्षित कर रहे हैं और आशा कर रहे हैं उनके इस पत्र पर वे सकारात्मक कदम उठाएंगे।
यही ज्योतिरदित्य सिंधिया कांग्रेस की सरकार में सीधे सड़कों पर उतरने की बात करते थे , अपने दंभ में रहते थे , अधिकारियो को सीधे निर्देश देते थे , चेतावनी देते थे , वह आज भाजपा सरकार आते ही मंत्रियो के सामने घिघिया रहे है।
एक माह में ही उनकी यह स्थिति देखकर बड़ा आश्चर्य हो रहा है।
अब ना अतिथि विद्वान ध्यान आ रहे हैं , ना किसान ध्यान आ रहे हैं , ना क़र्ज़ माफ़ी याद आ रही है , ना उनकी समस्या ध्यान आ रही है , ना जनसेवा ध्यान आ रही है , ना ग़रीबो की चिंता सता रही है और ना सड़कों पर उतरने की धमकी दी जा रही है।
सब कुछ बदल चुका है ,आगे -आगे देखिए क्या होता है।