कोरोना वायरस: भोपाल के डॉक्टर सुधीर डेहरिया पांच दिन बाद अपने घर पर आए चाय पी घर वालों का हाल चाल लिया और बाहर से ही अस्पताल वापस हो गएइसलिये हुए मशहूर


मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर सुधीर डेहरिया की एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें वो अपने घर के बाहर बैठ कर चाय पी रहे हैं. सुधीर डेहरिया की इस तस्वीर को हर जगह और हर तबके के लोग शेयर कर रहे है इसकी वजह है कि सुधीर डेहरिया पांच दिन बाद अपने घर पर आए हैं और घर के बाहर बैठ कर चाय पी रहे हैं. डेहरिया की पत्नी और उनके बच्चे भी उनसे दूर खड़े नज़र आ रहे हैं. उनका परिवार कोरोना वायरस के दौरान की जाने वाली सोशल डिस्टेंसिग का पालन कर रहा है. ये तस्वीर बता रही है कि कोरोना वायरस के चलते किसी तरह से डाक्टर डेहरिया लगातार अपनी ड्यूटी कर रहे है और समाज के लिए मिसाल बन रहे हैं. मिलिये डॉ. सुधीर डेहरिया से, जो भोपाल जिले के CMHO हैं। सोमवार को वो पाँच दिन बाद घर पहुंचे, घर के बाहर बैठ कर चाय पी, घर वालों का हाल चाल लिया और बाहर से ही अस्पताल वापस हो गए। डॉक्टर डेहरिया और इन जैसे हज़ारों-लाखों #Coronawarriors को मेरा शत-शत नमन। हमें आप पर गर्व है



कौन हैं डॉक्टर सुधीर डेहरिया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इस तस्वीर को शेयर किया है.



शिवराज सिंह चौहान ने ट्विटर पर इस तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है, "मिलिए डॉक्टर सुधीर डेहरिया से, जो भोपाल जिले के सीएमएचओ है. सोमवार को वो पाँच दिन बाद घर पहुंचे, घर के बाहर बैठ कर चाय पी, घर वालों का हाल चाल लिया और बाहर से ही अस्पताल वापस हो गए." आगे उन्होंने लिखा, "डॉक्टर डेहरिया और इन जैसे हज़ारों-लाखों कोरोना वारियर्स को मेरा शत-शत नमन. हमें आप पर गर्व है." भोपाल के सीएमएचओ सुधीर डेहरिया की ज़िम्मेदारी इस वक़्त बहुत ज्यादा है. यही वजह है कि उन्हें 24-24 घंटे काम करना पड़ रहा है. राजधानी भोपाल में वैसे तो कोरोना मरीज़ो की संख्या चार है लेकिन इसके बावजूद उन्हें लगातार सभी सरकारी अस्पतालों में व्यवस्था को देखना पड़ रहा है. वहीं, स्वास्थ्य से संबंधित दूसरी ज़िम्मेदारियों का भी निवर्हन करना पड़ रहा है. Corona Virus का सबसे ज़्यादा खतरा किन लोगों को है?


मध्य प्रदेश का हाल सुधीर डेहरिया ने बताया, "डाक्टर होने के नाते मैं अपनी ड्यूटी निभा रहा हूं. इस वक़्त मरीज़ों और स्वास्थ्य सुविधाओं के देखना मेरी प्राथमिकता है." उन्होंने आगे कहा, "लोगों से बस यह कहना चाहता हूं कि नियमों का पालन करें और अगर उन्हें ज़रा सी भी दिक्कत हो तो फौरन अस्पताल आएं. हम उनकी मदद के लिए तैयार बैठे हैं." परिवार से ज़्यादा नही मिल पाने पर सुधीर डेहरिया ने कहा, "मुश्किल का समय है हमारे लिए. लेकिन ये समय भी निकल जाएगा." उन्होंने यह भी कहा कि लोगों का पूरा साथ मिल रहा है और कोरोना को खत्म करने में हम कामयाब होंगे. वहीं, प्रदेश के इंदौर शहर में लगातार कोरोना मरीज़ो के मिलने का सिलसिला जारी है. बुधवार को जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक 20 और लोग संक्रमित पाए गए हैं. शहर में अब तक कोरोना के 69 मरीज़ मिल चुके है. वही प्रदेश में यह आंकड़ा 86 पहुंच चुका है. कोरोनावायरस: मशीन जो साबित हो सकती है वरदान मरीज़ों का आँकड़ा इंदौर में एक ही परिवार के नौ लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं इनमें छोटे बच्चे भी हैं जिनकी उम्र तीन, पांच और आठ साल है.


बेकाबू होती स्थिति की वजह से इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा है कि ये आंकड़ा 200 तक पहुंच सकता है. अभी शहर में 625 को क्वरंटीन किया गया है. मनीष सिंह ने कहा, "मरीज़ो का आंकड़ा 100 से 200 तक जा सकता है." इंदौर की बिगड़ती स्थिति के चलते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोगों से कहा है कि वो नियमों का पालन करें और प्रशासन का हर तरह से सहयोग करें. उन्होंने कहा, "इंदौर दुनिया का अद्भुत शहर है. कोरोना हारेगा और इंदौर जीतेगा." शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह बड़ा संकट है लेकिन उससे बड़ा हमारा हौसला है. कोरोना वायरस: निज़ामुद्दीन में तबलीगी जमात के 24 लोग संक्रमित, 700 को क्वॉरन्टीन भेजा गया


पुलिस ने मामला दर्ज किया है... वही तबलीगी जमात के दिल्ली के जलसे में मध्य प्रदेश के 107 लोगों ने भाग लिया था. इसमें राजधानी भोपाल के 36 लोग शामिल थे जिन्हें दिल्ली में ही क्वरंटीन किया गया है. सरकार ने दिल्ली से विभिन्न जमातों में राज्य के अलग अलग इलाकों में गए 189 व्यक्तियों के सैंपल लिए हैं. इनमें 63 विदेशी भी शामिल हैं. इनमें से कुछ को मस्जिदों में तो कुछ को हज हाउस में क्वरंटीन किया गया है. वही जमात में शामिल होने आए 13 लोगों के खिलाफ़ पुलिस ने मामला दर्ज किया है. ये लोग कर्नाटक से आए थे और शहर के इस्लामनगर इलाके की मस्जिद में रुके हुए थे लेकिन इन्होंने इसकी सूचना नहीं दी थी. वही सीएम हेल्पलाइन की सूचना के अनुसार प्रदेश के 3500 लोग देश के अलग अलग राज्यों में फंसे हुए हैं.


स्थिति में सुधार होते ही... इनमें कई लोग महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और गोवा में हैं. ज़्यादातर लोग मध्य प्रदेश वापस आना चाहते है लेकिन हालात की वजह से आ नहीं पा रहे हैं. राज्य सरकार ने उन्हें कहा है कि स्थिति में सुधार होते ही इन्हें यहां लाया जाएगा. वहीं सरकार ने कहा है कि प्रदेश में छह अप्रैल से कोरोना के मरीज़ो के लिए नई टेस्ट किट मिलनी शुरू हो जाएगी. एक लाख टेस्ट किट खरीदने का ऑर्डर सरकार पहले ही दे चुकी है. इस वक़्त प्रदेश में पांच हज़ार टेस्ट किट मौजूद हैं.इसके साथ ही सरकार ने 200 वेंटिलेटर के ऑर्डर भी दिए हैं. प्रदेश सरकार की कोशिश है कि इन किट को प्रभावित इलाकों में भेजा जाए. सरकार की कोशिश है कि अगले 1-2 महीने में उनके पास दो लाख टेस्ट किट हो. वही सरकार ने बड़ा निर्णय लेते हुए 31 मार्च को रिटायर हो रहे अफ़सर और कर्मियों को तीन माह के लिये संविदा नियुक्ति देने के आदेश जारी किए हैं. माना जा रहा है कि इससे 2500 अधिकारियों और कर्मचारियों को फायदा होगा.


 


 


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