मंदसौर - उपसंचालक पशुपालन श्री इंगोले द्वारा बताया कि ग्रीष्म ऋतु में पशुओं का हीट स्ट्रोक से बचाव ग्रीष्म ऋतु में माह मई व जुन में अत्यधिक तापमान होने से पशुओं पर इसका सीधा असर होता हैं। हीट स्ट्रोक होने पर पशु सुस्त हो जाते हैए पशु सिर नीचे रखते हुये मुह खोल कर सास लेते है। पशु के शरीर का तापमान बढ जाता है। पशु के मुह से लार गिरती है। शवांस गति बढ़ जाती है एवं नाक व नथुने सुख जाते है। पशु का दुग्ध उत्पादन अचानक कम हो जाता हीट स्ट्रोक से बचाव हेतु पशुओं को चारा दाना सुबह जल्दी एवं देर शाम को दे। क्योंकि इनके पाचन से शरीर में उष्मा पैदा होती हैं। दिन में पशुओं को हरा चारा देवे। इससे आवश्यक खनिज तत्व एवं पानी की पूर्ति होगी। पशुओं को स्वच्छ ठंड़ा जल दिन में चार से पाच बार पिलाये। पशुओं को रखने का स्थान साफ एवं खुला हवादार होना चाहिये। पशुशाला में टाट बोरिया आदि भिगोकर लगा सकते है। पशुशाला में पंखे एवं पानी के फव्वारे भी उपयोग कर सकते हैं। पशुओं को सुबह शाम ठंडे पानी से नहलाये।
हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए पशुओं को चारा व दाना सुबह जल्दी एवं देर शाम को दे - उपसंचालक पशुपालन