कोरोना के खिलाफ़ जंग भी राजनीति की भेंट चढ़ रही है? राजनीतिक बहसों और विवादों ने तूल पकड़ लिया है. केंद्र सरकार बनाम राज्य सरकार की लड़ाई छिड़ गई है.



भारत में पिछले करीब डेढ़ महीने से कोरोना वायरस के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए लॉकडाउन चल रहा है. केंद्र सरकार के अलावा राज्य सरकारें भी अपने-अपने स्तर पर इस कवायद में जुटी हुई हैं. लेकिन अब इन प्रयासों को लेकर राजनीतिक बहसों और विवादों ने तूल पकड़ लिया है. केंद्र सरकार बनाम राज्य सरकार की लड़ाई छिड़ गई है. अलग-अलग मसलों को लेकर जिन राज्यों और केंद्र सरकार के बीच तकरार की स्थिति पैदा हो गई है, उनमें पश्चिम बंगाल, पंजाब, केरल, महाराष्ट्र और राजस्थान प्रमुख हैं. अब ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई का भी हाल दूसरे मुद्दों की तरह राजनीति की भेंट तो नहीं चढ़ रही है.


पश्चिम बंगाल बनाम केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगातार मोदी सरकार को कोरोना वायरस पर नियंत्रण के आड़ में राजनीति करने का आरोप लगा रही हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्रियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में केंद्र के रवैए पर नाराजगी जताई और कहा कि राज्यों के साथ भेदभाव किया जा रहा है. समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार उन्होंने इस बैठक के दौरान कहा कि एक राज्य के रूप में वे कोरोना वायरस से निपटने की हरसंभव कोशिश कर रही हैं, लेकिन हमसे हमारी राय नहीं पूछी जाती.


छत्तीसगढ़ बनाम केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्र सरकार को कई ऐसे सुझाव दिए है जो अभी केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आते हैं. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्रियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए हुई बैठक में कहा कि आर्थिक गतिविधियों के संचालन का निर्णय केंद्र सरकार की बजाए राज्य सरकार को दिया जाए. इसके अलावा रेड जोन, ग्रीन जोन और ऑरेंज ज़ोन का निर्धारण भी केंद्र सरकार की एजेंसी ना कर के राज्य सरकार की एजेंसी करें आज माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा हुई।


पंजाब बनाम केंद्र सरकार पंजाब को विशेष राहत पैकेज देने को लेकर केंद्र सरकार और पंजाब सरकार में उस समय तकरार पैदा हो गई जब केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने पंजाब को आर्थिक सहायता और खाद्यान्न देकर मदद करने की बात कही. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस तरह की कोई भी मदद मिलने से सरासर इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री जनता को भटकाने की कोशिश कर रही हैं. इसके बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के बीच कई बार केंद्र की ओर से मिलने वाली मदद को लेकर ट्विटर पर कहासुनी हुई.


केरल बनाम केंद्र सरकार केंद्र और केरल की राज्य सरकार उस वक़्त आमने-सामने आ गई जब केरल सरकार ने अपने यहाँ लॉकडाउन में ढील देने की बात कही. केरल की सरकार का कहना था उनके यहाँ चूंकि अब स्थिति नियंत्रण में है इसलिए यो नाई की दुकानें, रेस्तरां, बुक शॉप वगैरह खोलने की इजाज़त दे रहे हैं. इस पर केंद्र सरकार ने एतराज़ जताया था. केंद्र सरकार का कहना था कि यह केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है. इस पर केंद्र गृह सचिव अजय भल्ला ने केरल के गृह सचिव को पत्र लिखकर कड़ा ऐतराज़ जताया था. केरल सरकार ने केंद्र के ऐतराज़ के बाद हालांकि यह फैसला वापस ले लिया था.


महाराष्ट्र बनाम केंद्र सरकार महाराष्ट्र सरकार और केंद्र की मोदी सरकार प्रवासी मज़दूरों के सवाल पर एक-दूसरे के सामने आ चुकी है. यह विवाद तब शुरू हुआ जब बांद्रा रेलवे स्टेशन पर बड़ी संख्या में प्रवासी मज़दूर अपने-अपने घर जाने के लिए पहुंच गए और अफरा-तफरी मच गई. मज़दूरों की इस मुसीबत के लिए महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र सरकार को दोष दिया तो वहीं केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को स्थिति नहीं संभालने का आरोप लगाया.


राजस्थान बनाम केंद्र सरकार रैपिड टेस्टिंग कीट के इस्तेमाल के सवाल पर राजस्थान सरकार ने केंद्र सरकार से अलग रुख अपनाते हुए इसे बंद कर दिया था. राजस्थान सरकार का कहना था कि त्रुटिपूर्ण नतीजे आने के बाद राज्य सरकार ने रैपिड टेस्टिंग किट का इस्तेमाल बंद कर दिया है और इसकी सूचना इंडियन कौंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च को दे दी है. इसके बाद आईसीएमआर ने दो दिनों तक सभी राज्यों को किट इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी थी.


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