भोपाल,
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेशनल मीडिया कॉर्डिनेटर अभय दुबे ने बताया कि पूर्ववर्ती शिवराज सरकार की संबल योजना में 2 करोड़ 6 लाख 7 हजार 633 लोगों को श्रमिकों के रूप में पंजीकृत किया गया था । जिसमें पत्थर तोड़ने वाले , माल लादने - उतारने वाले , कचरा बीनने वाले, लुहार ,कुम्हार ,झाड़ू लगाने वाले , रंगाई करने वाले, खिलौने बनाने वाले, इत्यादि श्रमिकों की कई श्रेणियां तय की गईं थी ।
जिन्हें आयुष्मान भारत, अन्नपूर्णा योजना ,सरल बिजली बिल माफी जैसी विभिन्न प्रचलित योजनों के लाभ दिए जाने का प्रावधान था ।
मध्यप्रदेश में शिवराज जी की सरकार में अपराध ,भ्रष्टाचार, बेरोजगारी ,अवरुद्ध औद्योगिक विकास जब चरम पर पहुंच गया तो प्रदेश के नागरिकों ने वैश्विक ख्याति के नेता कमलनाथ जी को प्रदेश की बागड़ोर सोप दी ।
कमलनाथ जी की सरकार ने पाया कि इस योजना में भीषणतम भ्रष्टाचार हुआ है और कई धन पतियों को श्रमिक की श्रेणी में डालकर शिवराज सरकार श्रमिकों के हक पर डाका डाल रही है ।
तब इस योजना में सुधार कर इसे प्रभावी तरीके से 'नया सवेरा' के रूप में लागू किया गया ।
पूर्ववर्ती सरकार के संबल योजना में हुए भीषणतम भ्रष्टाचार को हाल ही में भाजपा के नेता हुए पूर्व मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ने सार्वजनिक रूप से स्वीकारा है ।
आज जब शिवराज जी इस योजना को पुनः प्रारंभ करने की बात कह रहे है तो कुछ प्रासंगिक प्रश्न हैं जो उनसे पूछे जाने चाहिए ।
1) शिवराज जी इस योजना को बंद कब किया गया था जो आप आज इसे पुनः प्रारंभ कर रहे है ?
2) इस योजना में आज 1 करोड़ 37 लाख 99 हजार 501 श्रमिक पंजीकृत है तो क्या 68 लाख 8 हजार 132 लोग जो इसमें बाहर किए गए हैं उनके नाम पर आपकी सरकार भ्रष्टाचार कर रही थी ?
3) आज जब श्रमिकों को आजीविका का संबल प्रदान करने की आवश्यकता है तब अपने इस योजना के सबसे पहले क्रम पर अंत्येष्टि सहायता का प्रावधान क्यों किया ?
4) बीते दो माह से 1,37,99,501 श्रमिकों के पास आजीविका का कोई साधन नही है तब आप मात्र 41 करोड़ रु ही क्यों इन्हें हस्तांतरित कर रहे हैं ? एवरेज निकाला जाए तो मात्र 30 रु प्रति श्रमिक ।
5) 68,8,0132 फर्जी श्रमिकों के नाम पर आपकी सरकार में जिन लोगों ने लूट की है उनपर आपने क्या कार्यवाही की ?
6) क्या भाजपा नेता और पूर्वमंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने आपको इस घोटाले की सूचना दी है ?
शिवराज जी आपसे आग्रह है की ये भीषणतम माहमारी का समय सस्ते प्रचार का नही है ।
आज 2019- 20 में मध्यप्रदेश की जीडीपी 9 लाख 62 हजार करोड़ की है इस जीडीपी का मात्र 2 प्रतिशत 1करोड़ 37 लाख 99 हजार 501 श्रमिको के खाते में हस्तांतरित कीजिये ।
अर्थात 7500 रु प्रति श्रमिक दो माह के लिए इसके खाते में हस्तांतरित कीजिए ताकि इस वर्ग को तुरंत राहत मिल सके।
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