श्रमिकों के साथ कुठाराघात कर उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य बनाए गए श्रम कानून एवं प्रावधानों में किए गए परिवर्तन को वापस ले मध्य प्रदेश सरकार प्रदेश असंगठित कामगार कांग्रेस विभाग ने राजपाल महोदय को लिखा पत्र


भोपाल - मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी असंगठित कामगार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष बिसेन ने आज महामहिम राज्यपाल महोदय को पत्र लिखकर मध्य प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में श्रम कानून एवं प्रावधानों में किए गए परिवर्तन को वापस लिए जाने एक आग्रह पत्र लिखा है। श्री विषय में अपने पत्र में लिखा है कि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा राष्ट्रीय आपदा को ढाल बनाकर उद्योगपतियों एवं कारखाना मालिकों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से उनकी सलाह पर श्रम कानूनों को श्रम संगठनों एवं श्रमिकों के प्रतिनिधियों से बिना सलाह मशवरा किए परिवर्तित कर दिया हैए जिसका राज्य सरकार को कोई अधिकार नहीं है। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा श्रम कानूनों में अनावश्यक परिवर्तन कर मजदूर को सरकार से विमुख कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के उद्योगों कल-कारखानोंए बसए ट्रकए टैक्सी चालकए लोडिंग-अनलोडिंग वाहनों के चालकए पेट्रोल पंप मजदूरए मिल मजदूर सहित सभी कामगारों पर एवं मजदूरों पर परिवर्तन का विपरीत प्रभाव पड़ेगा।


जहां एक और समूचा देश कोरोना संक्रमण जैसी महामारी से जूझ रहा हैए देश में लगभग एक लाख लोग इसकी चपेट में आ गए हैं। वही प्रदेश में भी संक्रमितों की संख्या 5 हजार के पार पहुंच गई है और लगभग 300 लोगों की अकाल मृत्यु होने से वे काल के गाल में समा गए हैं। लाखों मजदूर कोरोना महामारी के कारण सड़कों पर आ गए हैंए ऐसी भीषण गर्मी में 1500.2000 किलोमीटर तक पैदल चलकर अपने घरों की ओर पलायन कर रहे हैए उसे रास्ते में ना तो कोई सुविधा मिल रही है और ना ही घर पहुंचाने के लिए राज्य सरकार द्वारा कोई उचित व्यवस्था की जा रही है। श्री बिसेन ने पत्र में आगे लिखा है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी देशों को 8 घंटे कार्य दिवस की कानूनी मान्यता दी गई हैए वही प्रदेश सरकार द्वारा कानून कि धज्जियां उड़ाकर 12 घंटे कार्य कराये जाने का प्रावधान श्रमिकों के हितों के साथ बहुत बड़ा कुठाराघात है जो कि राज्य सरकार द्वारा थोपा गया प्रायोजित अत्याचार है। बिसेन ने कहा कि विवाद अधिनियम के तहत कामगारों की संख्या 100 से बढ़ाकर 300 या उससे अधिक पर कानून परिवर्तन किया जाना मध्य प्रदेश सरकार के अधिकार क्षेत्र से बाहर है लेकिन शिवराज सरकार चंद पूंजीपति मित्र उनकी कठपुतली बन श्रमिकों के हितों पर अतिक्रमण करने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं।


वहीं मध्य प्रदेश सरकार द्वारा औद्योगिक संबंध अधिनियम 1960 समाप्त कर मजदूरों के सारे अधिकार पूंजी पतियों के हाथ में दे दिए गए हैं जो मजदूरों के साथ छलावा है। श्री बिसेन ने कहा कि अखिल भारतीय असंगठित कामगार कांग्रेस श्रमिको के कानूनों में हुए परिवर्तन का पुरजोर विरोध करते हुए उसकी घोर निंदा करती है तथा परिवर्तन वापिस लेने की मांग करती है। श्री बिसेन में राजपाल महोदय से अनुरोध करते हुए कहा है कि वे श्रमिक विरोधी परिवर्तन वापस लेने हेतु मध्य प्रदेश सरकार को निर्देशित करें । अन्यथा कामगार कांग्रेस मजदूरों के हितों के लिए प्रदेश स्तर पर सड़कों पर उतर कर आंदोलन करने हेतु बाध्य होगी।


 


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