चुनावी लोकप्रियता नहीं, जनता की भलाई के लिए काम कर रही मोदी सरकारः नरेंद्रसिंह तोमर

भोपाल।



प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सरकार अपने पिछले कार्यकाल में तीन तलाक के विरोध में अध्यादेश लाई। ज्यादातर नेताओं, राजनीतिक दलों ने इसे चुनावी मुद्दा समझा और सरकार की आलोचना की। लेकिन 2019 में जैसे ही दोबारा सरकार बनी, प्रधानमंत्री श्री मोदी ने तीन तलाक विरोधी कानून पास कराकर मुस्लिम बहनों को उस अत्याचार और अन्याय से मुक्ति दिला दी, जो वे लंबे समय से झेल रही थीं। इसी तरह सरकार ने कश्मीर से 370 हटाने संबंधी प्रावधान किया और नागरिकता संशोधन कानून बनाया। मोदी जी की सरकार चुनावी लोकप्रियता को ध्यान में रखकर काम नहीं करती, बल्कि यह सरकार आम आदमी को, जनता के हितों को ध्यान में रखकर काम करती है और बीते एक साल में इस सरकार ने ऐसे ही काम प्राथमिकता के आधार पर किए हैं। यह बात केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्रसिंह तोमर ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मीडिया को संबोधित करते हुए कही। वर्षों से लंबित मामले हल किए श्री तोमर ने कहा कि 2019 में जब केंद्र में मोदी जी की सरकार दोबारा बनी, तो देश के सामने कई ऐसे मामले थे, जो वर्षों से लंबित थे। यहां तक कि देश के लोग भी यह सोचने लगे थे कि ये मामले कभी हल नहीं होंगे। लेकिन मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल के पहले तीन महीनों में ही कश्मीर से 370 और 35 ए समाप्त कर दिये और पं. नेहरू की ऐतिहासिक गलती को सुधारा। मोदी सरकार ने आतंकवाद पर नया कानून बनाया। वर्षों से लंबित राम मंदिर के मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय बैंच ने फैसला दिया और अब अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू हो गया है। मोदी सरकार ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद सृजित करने की सशस्त्र बलों की बरसों पुरानी मांग को पूरा किया, जिससे सेनाओं का मनोबल बढ़ा है। इस सरकार ने सामान्य वर्ग के गरीब युवाओं को भी सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए कानून बनाया। प्रधानमंत्री किसान योजना के दायरे में सभी किसानों को शामिल किया। देश में 1.25 लाख किलोमीटर सड़कों के निर्माण को मंजूरी दीदेश को कोरोना से बचाने लिये कड़े फैसले __ श्री तोमर कहा कि जब देश में कोरोना संकट का आगाज हुआ, मोदी जी दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय देते हुए लॉकडाउन घोषित कर दिया। उन्होंने देश में कोरोना वायरस के सामुदायिक प्रसार को रोकने को लिए जिस दृढ़ संकल्प और दूरदृष्टि का परिचय दिया, उसकी तारीफ सारी दुनिया कर रही है। मोदी जी की सरकार ने एक तरफ कोरोना के प्रसार को रोकने कदम उठाए, तो दूसरी तरफ आम आदमी की मुश्किलों को हल करने के भी प्रयास किए।


उन्होंने कहा कि इस संकट के दौरान मोदी सरकार ने जो निर्णय लिये, जिस तरह दुनिया के देशों की मदद की, उससे सारी दुनिया में भारत का मान-सम्मान बढ़ा है। संकट के दौर में भी रही आम आदमी की चिंता श्री तोमर ने कहा कि सरकार ने लॉकडाउन की घोषणा के साथ ही देश के आम आदमी की चिंता शुरू कर दी थी। लॉकडाउन के दौरान गरीबों, मजदूरों को खाने-पीने की दिक्कत न हो, इसके लिए पीडीएस के माध्यम से अनाज दिया गया। हर घर में रसोई चलती रहे, इसके लिए 08 करोड़ बहनों को तीन महीने तक मुफ्त गैस सिलेंडर देने की घोषणा की। अन्य राज्यों से लौटे प्रवासी श्रमिकों को गांव में ही रोजगार मिल सके, इसके लिए मनरेगा के बजट में 40 हजार करोड़ की वृद्धि की। वर्तमान में पिछले साल की तुलना में 40 प्रतिशत अधिक श्रमिक मनरेगा में काम कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार का संकट न हो, इसके लिए सरकार ने प्रधानमंत्री सड़क योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना के काम शुरू कर दिये हैं। किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए सरकार ने हाल ही में खरीफ फसलों की एमएसपी बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही अल्पकालिक कर्ज की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 31 अगस्त कर दिया है और इस तारीख तक कर्ज चुकानेवालों को भी सरकारी सब्सिडी का लाभ मिलेगा। सरकार ने जहां 20 करोड़ बहनों के खातों में सहायता राशि पहुंचाई, वहीं दिव्यांगों, बुजुर्गों आदि को भी सहायता प्रदान की। श्री तोमर ने कहा कि मोदी सरकार ने 1 लाख 25 हजार करोड़ रुपये डीबीटी के जरिए हितग्राहियों के खातों में पहुंचाए हैं। लोकल के लिए वोकल हमारी अर्थव्यवस्था का आधार श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने आत्मनिर्भर भारत की जो घोषणा की है, वह देश के स्वाभिमान, उसकी ताकत को जगाने के लिए है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने जिस 'लोकल के लिए वोकल' की बात कही है, वह हमारी प्राचीन अर्थव्यवस्था का आधार है। इसमें लोग स्थानीय स्तर पर अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करते थे। उन्होंने कहा कि देश में पहले मुगल आए, फिर अंग्रेज आए, लेकिन इनमें से कोई भी हमारी इस ग्रामीण अर्थव्यवस्था को तोड़ नहीं पाया। श्री तोमर ने कहा कि हमारे गांव और किसान आज भी उतने ही ताकतवर और प्रभावी हैं। हमारे गांवों ने आज भी कोरोना के सामुदायिक विस्तार को रोक दिया है। जिस समय लॉकडाउन घोषित हुआ, तब फसल खेतों में तैयार खड़ी थी। हमारे किसानों ने फसलों की कटाई की और खरीदी केंद्रों तक पहुंचाया। इस संकट के बावजूद किसानों ने पिछले साल से ज्यादा उत्पादन किया। यही नहीं, बल्कि कोरोना महामारी के बीच हमारे किसानों ने इस बार गर्मी की फसलों का क्षेत्रफल 45 प्रतिशत बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत 1 लाख करोड़ के प्रावधान कृषि क्षेत्र के लिए किए हैं। इसके अलावा मछलीपालन, पशुपालन, हर्बल कृषि तथा मधुमक्खी पालन के लिए प्रावधान किये हैं। श्री तोमर ने कहा कि सरकार किसानों के सशक्तीकरण के लिए जल्द ही ऐसा कानून बनाने जा रही है, जो किसानों को उनकी उपज मनचाही जगह पर बेचने का अधिकार देगा।


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