काजू के व्यवसायिक बगीचे लगाने हेतु आवेदन करें किसान*

बैतूल ( *वीरेंद्र झा* जिला प्रतिनिधि *खान मजदूर* साप्ताहिक समाचार पत्र)


प्राप्त जानकारी के अनुसार पड़त भूमि हेतु आर्थिक रूप से सर्वाधिक उपयुक्त फसल है काजू ------------------ उद्यानिकी विभाग द्वारा जिले में वर्ष 2018-19 में काजू की व्यावसायिक खेती प्रारंभ की गई है। भारत सरकार के काजू एवं कोको निदेशालय के द्वारा यह अनुशंसा की गई है कि बैतूल की मिट्टी एवं जलवायु काजू की खेती के लिए अत्यंत उपयुक्त है। उप संचालक उद्यान डॉ. आशा उपवंशी वासेवार से प्राप्त जानकारी के अनुसार विभाग द्वारा जिले के किसानों के खेतों में वर्तमान वर्ष 2020-21 में वृहद स्तर पर काजू के बगीचे लगाए जाने के लिए लक्ष्य जारी किए गए हैं। काजू मुख्यत: पड़त भूमि की फसल होने के कारण जिले में बहुतायत में पाई जाने वाली लाल बर्री जमीन हेतु सर्वाधिक उपयुक्त फसल है। काजू उत्पादन की संभावनाओं को देखते हुए विभाग द्वारा इस वर्ष जिले में 483 हेक्टेयर काजू रोपण किया जाना प्रस्तावित है। क्या है योजना- ------------------ विभाग की योजना अंतर्गक एक हेक्टेयर में सामान्य दूरी अंतर्गत 7x7 मीटर पर काजू के 200 पौधे लगाए जाएंगे। रोपण हेतु काजू के ग्राफ्टेड पौधे विभाग द्वारा उपलब्ध कराए जाएंगे। साथ ही विभाग द्वारा किसानों को समय-समय पर तकनीकी मार्गदर्शन उपलब्ध कराया जाएगा। विशेषज्ञों के अनुसार उचित प्रबंधन एवं ड्रिप के साथ रोपण करने पर द्वितीय वर्ष से काजू का उत्पादन प्रारंभ होने लगेगा, जो प्रति पेड़ लगभग एक किलो कच्चा काजू होता है। व्यावसायिक उत्पादन 6-7 साल में 10 किलो प्रति पेड़ प्राप्त होता है। उसके पश्चात् जैसे-जैसे पौधों की उम्र बढ़ेगी, उचित प्रबंधन करने पर उत्पादन बढक़र 30 किलो प्रति पेड़ तक हो सकता है। वर्तमान में जिले में उत्पादित कच्चा काजू गुणवत्ता अनुसार 85 रूपए से लेकर 120 रूपए प्रति किलो की दर से विक्रय किया जा रहा है। कच्चे काजू से काजू निकालने हेतु घोड़ाडोंगरी में पहली काजू प्रसंस्करण ईकाई भी स्थापित है। योजनान्तर्गत अनुदान प्रावधान- ------------------- उपरोक्त योजनांतर्गत पौधरोपण हेतु प्रथम वर्ष में 12 हजार रूपए राशि, द्वितीय वर्ष में 4 हजार रूपए एवं तृतीय वर्ष में 4 हजार रूपए की दर से कुल तीन वर्षों में कुल राशि 20 हजार रूपए का अनुदान प्रति हेक्टेयर पौध जीवितता क्रमश: 75, 90 एवं 100 प्रतिशत् पाए जाने पर दी जाती है। काजू रोपण के साथ ड्रिप लगाना अनिवार्य है। ड्रिप लगाने के लिए विभाग की योजनांतर्गत निर्धारित लागत का 45 से 55 प्रतिशत् तक अनुदान का प्रावधान है जो कि अलग से देय होगा। ड्रिप संयंत्र की स्थापना एमपी एग्रो के माध्यम से की जाएगी। योजना का लाभ कैसे लिया जाए- ---------------------- वर्ष 2020-21 में पौधरोपण हेतु ऐसे कृषक जिनके पास पूरे साल सुनिश्चित सिंचाईं व्यवस्था उपलब्ध है, वे इस योजना का लाभ लेने हेतु उद्यानिकी विभाग के पंजीयन पोर्टल एमपीएफएसटीएस पर जाकर उपरोक्त योजनांतर्गत ऑनलाइन पंजीयन एवं आवेदन की कार्रवाई करना अनिवार्य होगा। पात्रता अनुसार पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर लाभ दिया जाएगा। प्रति कृषक 0.25 हेक्टेयर से लेकर 4 हेक्टेयर तक काजू पौधरोपण हेतु अनुदान का लाभ ले सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए इच्छुक कृषक उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग जिला बैतूल के जिला कार्यालय एवं विकासखण्ड कार्यालय में कार्यालयीन समय में सम्पर्क कर सकते हैं।


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