शिवराज सरकार प्रदेशवासियों की जान से खेल रही है , केंद्र से करेंगे शिकायत : अभय दुबे*

भोपाल -


भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मीडिया कोर्डिनेटर अभय दुबे ने जारी एक बयान में बताया की डब्लूएचओ ने 12 मार्च को सार्स कोविड -2 (कोविड -19) को एक घातक वैश्विक महामारी करार दिया। मगर एक और महामारी मध्यप्रदेश में 23 मार्च को आई है, इस महामारी का नाम है 'हॉर्स ट्रेडिंग -22' और सत्ता की भूख का ये 'हॉर्स ट्रेडिंग -22' वाइरस प्रदेश की जनता के लिए उतना ही घातक है जितना सार्स कोविड -2 , सही मायने में इस हॉर्स ट्रेडिंग -22 ने मध्यप्रदेश में महामारियों का राज स्थापित कर दिया है । हमारे शिवराज और महाराज ने अपना सारा ध्यान धनमत की सत्ता को सहेजने में लगा दिया है । ये रोज़ राजैनतिक कार्यक्रमों में व्यस्त हैं और मध्यप्रदेश की जनता को महामारी के मौत के मुँह में धकेला जा रहा है । मध्यप्रदेश कांग्रेस एक गंभीर और प्रामाणिक आरोप मध्यप्रदेश भाजपा सरकार पर लगा रही है और इसकी शिकायत केंद्र सरकार को भी की जाएगी। अप्रैल माह में आयुष मंत्रालय ने ये नोटिफिकेशन जारी किया है कि अगर किसी ट्रेडिशनल मेडिसिन प्रेक्टिशनर को क्लीनिकल ट्रायल करना है तो उसे ICMR गाइडलाइन के तहत क्लीनिकल ट्रायल्स रजिस्ट्री में रजिस्टर्ड करना होगा। साथ ही 1 अप्रैल को आयुष मंत्रालय ने ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट की धारा 33 P का इस्तेमाल करते हुए सभी राज्यों को निर्देशित किया है कि अगर किसी ने भी प्रिंट मीडिया या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ये प्रचारित किया कि कोविड -19 का उपचार आयुष से किया है तो वह डिज़ास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत आपराधिक कृत्य माना जायेगा। बीते 25 मई को शिवराजसिंह जी की सरकार ने अपने जनसंपर्क विभाग के माध्यम से जो दावा किया है वह भयावह है और अपराध की स्वीकारोक्ति है । इस समाचार में बताया गया है कि शासकीय होमियोपैथिक चिकित्सा महाविद्यालय, जो कि कोविड केयर सेंटर है, ने होमियोपैथिक पद्धति से कोविड पॉज़िटिव मरीजों का उपचार किया है और बच्चों को तो सिर्फ़ होमियोपैथी की दवाई ही दी गई । ये बेहद गंभीर अपराध है । दोस्तों हाल ही में ऐम्स दिल्ली और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एडुकेशन एंड रिसर्च पुणे की रिपोर्ट कहती है कि जब लॉक डाउन खोलना है तो अधिक से अधिक टेस्टिंग करने से ही हम इस महामारी पर काबू पा सकते हैं क्योंकि बगैर लक्षण के मरीज अधिक संख्या में आ रहे हैं जिनसे संक्रमण फैल रहा है । आज प्रदेश के 47 जिलों में कोरोना के एक्टिव मरीज़ हैं । मध्यप्रदेश में कोरोना मृत्यु दर पूरे देश में गुजरात के बाद सबसे अधिक है। हम इंदौर और भोपाल को छोड़ दें तो प्रत्येक जिले में लगभग 80 टेस्ट प्रतिदिन हो रहे हैं और कुछ जिलों में तो टेस्टिंग नगण्य है । महामारी तेजी से पैर पसार रही है, और शिवराज, महाराज की सत्ता पैर पसारे राजनीति का खेल रही है । आज प्रदेश में सब कुछ छुपाया जा रहा है , टेस्ट की संख्या , पॉज़िटिव मरीजों की संख्या , सब कुछ । प्रदेश सरकार तुरंत RTPCR APP ,जो ICMR का है , जिसमें रोज़ टेस्ट की संख्या और पॉज़िटिव मरीजो की संख्या लेबोरेटरी द्वारा दर्ज की जाती है, उसे सार्वजनिक करना चाहिए, ताकि प्रदेश की जनता सच्चाई जान पाए । श्रीमान संपादक महोदय ससम्मान प्रकाशनार्थ *अभय दुबे* मीडिया कोर्डिनेटर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस संलग्न 0?: जनसंपर्क द्वारा जारी समाचार पत्र *_~संशोधित। *नोट यह समाचार होम्योपैथिक चिकित्सालय से जारी किया हुआ है।* *इसकी समस्त जानकारी उनके द्वारा दी गई है।* सम्भागीय जनसंपर्क कार्यालय, भोपाल मध्यप्रदेश शासन समाचार _*भोपाल में होम्योपैथी चिकित्सा से आशा की नई किरण*_ *होम्योपैथिक चिकित्सा महाविद्यालय से 6 कोरोना संक्रमित व्यक्ति स्वस्थ होकर घर को रवाना* *भोपाल: 25 मई 2020* शासकीय होम्योपैथिक चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल जो कि प्रदेश का पहला होम्योपैथिक अस्पताल कोविड केयर सेंटर के रूप में कार्यरत है। होम्योपैथिक पद्धति से कोविड पॉजिटिव मरीजों के इलाज में बड़ी सफलता हाथ लगी है आज 6 कोरोना संक्रमित मरीज जो 14 मई को भर्ती हुए थे, सभी पूर्णता: स्वस्थ होकर घर लौट रहे है, इनमें 2 बच्चे भी शामिल है जिनके माता-पिता पॉजिटिव थे और इन बच्चो को भी होम्योपैथिक दवा दी गई और 10 दिनों तक अपने माता-पिता के साथ रहने के बावजूद इनमें कोई भी कोरोना के लक्षण नहीं देखे गए। बच्चों को कोई भी एलोपैथिक दवा नहीं दी गई थी, बच्चों को सिर्फ होम्योपैथिक दवा ही दी गई थी। डॉ.मनोज ने बताया इन सभी मरीजों की डिटेल हिस्ट्री लेने के बाद कुछ विशिष्ट लक्षणों के आधार पर होम्योपैथिक दवा का चयन किया गया था इन मरीजों को stannum met, bryonia alba ,camphor, आर्सेनिक एल्बम, इत्यादि लक्षणों के आधार पर प्रत्येक मरीज को उचित डोज में खिलाई गई। परिणाम बहुत आश्चर्यजनक थे , होम्योपैथिक दवा के सेवन के बाद मरीजो की हालत में तेजी से सुधार देखा गया और किसी भी मरीज को ऑक्सीजन की जरुरत नहीं पड़ी.. कोरोना मरीजों का इलाज अस्पताल की सुपरिटेंडेंट डॉ.सुनीता तोमर मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ.प्रवीण जायसवाल , प्रोफेसर डॉ.संजय गुप्ता के गाइडलाइन एवं देखरेख में किया गया । कोविड मरीजों का इलाज कर रही पूरी टीम में मेडिकल आफिसर डॉ.देवेन्द्र गुप्ता, डॉ. नमिता सक्सेना, डॉ आशिष जैन , पीजी स्कॉलर डॉ. मनोज कुमार साहू, डॉ.मुकेश मर्सकोले , डॉ कृष्णपाल जाटव, डॉ. संदीप विश्वकर्मा, एवं डॉ. रोहित सामिल रहे। डॉ.मनोज कुमार साहू ने बताया कि उन्होंने स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल के तहत मरीजों की देखभाल की तथा बहुत ही सावधानी पूर्वक होम्योपैथिक दवा का चयन करके मरीजों तक पहुंचाया उन्होंने बताया की वे सुबह प्रत्येक मरीज से फोन पर बात करके हिस्ट्री कलेक्ट करते थे तथा प्रत्येक मरीज की दवा का चयन विशिष्ट लक्षणों के आधार पर करते थे डॉ मनोज ने बताया कि कुछ पेशेंट में सीने में खालीपन का सेंसेशन स्वाद का ना आना खांसी चलना मितली होना सुगंध या दुर्गंध का ना आना, तेज बुखार आना, खाने का मन ना करना अत्यधिक कमजोरी महसूस होना गले में खर-खर आहट महसूस होना इत्यादि लक्षण विभिन्न ने पेशेंट में देखे गए थे होम्योपैथिक चिकित्सा इंडिविजुअलाइजेशन के सिद्धांत पर आधारित है इसी आधार पर प्रत्येक पेशेंट के लक्षणों के अध्ययन कर दवाई का चयन किया जाता है तथा पीपी किट पहनकर प्रत्येक पेशेंट का राउंड लिया जाता था, जिसमें पेशेंट की जनरल कंडीशन का एसेसमेंट करना पेशेंट के वाइटल जैसे टेंपरेचर पल्स रेट रेस्पिरेशन रेट तथा ब्लड प्रेशर लिया जाता था और उसी दौरान पेशेंट को होम्योपैथिक दवा के सेवन के निर्देश भी दिए जाते थे अगले दिन फोन पर डॉ.मनोज द्वारा प्रत्येक पेशेंट का फॉलोअप लिया जाता था अगर किसी पेशेंट को आराम नहीं मिलता था तो दोबारा हिस्ट्री लेकर अध्ययन कर उसकी मेडिसिन लक्षणों के आधार पर दोबारा चेंज करके दी जाती थी ट्रीटमेंट के दौरान स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल की सभी गाइडलाइन का पालन किया जाता था सभी डॉक्टर रेड लाइन एरिया में पीपी किट पहन कर के राउंड लेते थे तथा प्रॉपर डॉनिंग एवं डोपिंग भी करते थे। 2 से 3 दिन के अंदर सभी मरीजों की हालत में सुधार देखा गया। इसमें से ज्यादातर मरीज भर्ती होने के समय सिम्टम्स लैस थे या बहुत ही माइल्ड सिस्टम वाले थे कुछ मरीजों में सिग्निफिकेंट लक्षण के साथ भर्ती किया गया था। सबसे अच्छी बात यह है कि इन 12 दिनों में एक भी मरीज की हालत में गिरावट नहीं आई किसी भी मरीज को हायर सेंटर रेफर नहीं किया गया किसी भी मरीज को ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ी तथा सभी किस हालत में मानसिक और शारीरिक दोनों रूप से सुधार नोटिस किया गया कल भी 3 कोरोना संक्रमित व्यक्ति स्वस्थ होकर घर जा चुके है। अभी होम्योपैथी चिकित्सालय कालियासोत डेम परिसर में 47 कोरोना संक्रमित व्यक्तियों को इलाज के लिए रखा गया है होम्योपैथी आज इस वैश्विक महामारी में बहुत ही कारगर पैथी है, अन्य प्रदेशों में भी हो चुके शोध कार्यों में इसके प्रमाण सामने आ चुके है। क्रमांक/1194/214 विजय/अरुण राठौर~_*


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