श्री गणेशाय नमः आज का नाम है (मुनि मानस हंसिका) June 08, 2020 • Mr. Dinesh Sahu साईं नमः श्री गणेशाय नमः आज का नाम है (मुनि मानस हंसिका) जो ऋषि मुनि माई की भक्ति में डूबे रहते हैं जो उनके बारे में अधिक से अधिक ज्ञान अर्जन में निरंतर ही विचार रत रहते हैं जिनकी मन बुद्धि और हृदय में और कुछ भी नहीं रहता ऐसे महात्माओं के मानस में वह हंसिका या हंस के रूप में सदैव ही समान पलावन करती रहती हैं स्वामी जी तो कभी-कभी अन्य किसी भी विषय पर चर्चा या पुस्तक की चर्चा पसंद ही नहीं करते थे मूलता दतिया में उनके समय उनके सानिध्य में सदैव ही ईश्वर गुण माई नाम ,माई की पुस्तकें, किस ने क्या लिखा है, इत्यादि यही चलता रहता था माई का इतना विस्तारित रूप है कि जीवन पर्यंत चर्चा समाप्त ही नहीं हो सकती है यदि आप उनके विषय में सोचते रहें तो वह भी उनकी कृपा से ही संभव है श्री स्वामी जी के शब्दों में जो लेख संग्रह में लिखा है (श्री भगवती के चरित्र नाम लीला * आदि के श्रवण कीर्तन में सतत संलग्न रहने से परा भक्ति का उदय होता है) यह श्री भगवती गीता नामक लेख में स्वामी जी ने अंकित किया है जय माई की