मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि शुक्रवार को मानसून द्रोणिका हिमालय की तराई से वापस खिसककर मध्य प्रदेश में आ गई थीए लेकिन रविवार को वह फिर हिमालय की तराई की तरफ खिसक गई है
भोपाल - मानसून की बेरुखी अब अखरने लगी है। प्रदेश में बारिश का ग्राफ सामान्य से छह फीसद नीचे पहुंच गया है। प्रदेश के 15 जिलों में सामान्य से काफी कम वर्षा दर्ज की गई है। 15 जिलों में बारिश सामान्य से काफी कम होने के कारण फसलों पर विपरीत असर पड़ने की आशंका बढ़ गई हैमौसम विज्ञानियों के मुताबिक वर्तमान में कोई मानसूनी सिस्टम सक्रिय नहीं है। इस वजह से 4.5 दिन अच्छी बरसात की संभावना नहीं है। हालांकि वातावरण में मौजूद नमी के कारण तापमान बढ़ने पर स्थानीय स्तर पर छिटपुट बौछारें पड़ती रहेंगीइसी क्रम में रविवार को सुबह 8/30 बजे से शाम 530 बजे तक सागर में 18ए शाजापुर में 6ए खरगोन में 5ए रतलाम में 2ए इंदौर में 02 मिमी बरसात हुई।
फिर द्रोणिका हिमालय में लौट गई मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि शुक्रवार को मानसून द्रोणिका हिमालय की तराई से वापस खिसककर मध्य प्रदेश में आ गई थीए लेकिन रविवार को वह फिर हिमालय की तराई की तरफ खिसक गई हैप्रदेश और आसपास कोई मानसूनी सिस्टम नहीं हैइस वजह से अभी 4.5 दिन तक अच्छी बरसात के आसार नहीं हैंआंध्र तट पर 31 जुलाई को एक ऊपरी हवा का चक्रवात बनने के संकेत मिले हैं। इस सिस्टम के कम दबाव का क्षेत्र बनकर आगे बढ़ने पर अगस्त की शुरुआत में अच्छी बरसात की उम्मीद की जा रही है। शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में एक द्रोणिका अरब सागर से गुजरात होकर राजस्थान तक जा रही है। इस वजह से प्रदेश में कुछ नमी आ रही है।
तापमान में इजाफा होने पर कहीं-कहीं स्थानीय स्तर पर बौछारें पड़ जाती हैंगौरतलब है कि प्रदेश में रविवार सुबह 8/30 बजे तक सीजन की कुल 3545 मिमी बरसात हुई हैए तक सीजन की कुल 3545 मिमी बरसात हुई हैए जो सामान्य (37802 मिमी) से छह फीसद कम है। प्रदेश के आलीराजपुरए NIरए मंदसोरए श्योपुरए शिवपुरीए ग्वालियरए भिंप टीकमगढ़ए छतरपुरसागरए दमोहए कटनीए जबलपुरए होशंगाबाद और बालाघाट में सामान्य से काफी कम बरसात हुई हैइससे किसान चिंतित हैं। उन्हें खरीफ की फसल चौपट होने का खतरा सताने लगा है