भाजपा से हाथ मिलाने वालों को सबक सिखाएंगे दिग्विजय सिंह

कमलनाथ ने जनता से लोकतंत्र और संविधान को मजबूत करने के लिए एकजुट होने का अनुरोध किया


अरुण पटेल



हालांकि अभी तक भारत के निर्वाचन आयोग ने उपचुनाव की तिथियों का ऐलान नहीं किया है फिर भी स्वाधीनता दिवस के बाद भाजपाए कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी के नेता अब अधिक सक्रिय होते नजर आएंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने स्वाधीनता दिवस के अवसर पर संबोधन में ऐसी बातें कही हैं जिससे लगता है कि उपचुनाव भी उनकी नजर में था और अपनेअपने-अपने ढंग से मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए कुछ ना कुछ ऐसा कहा गया जिसका राजनीतिक लाभ मिल सके।


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व मुख्यमंत्री सांसद दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के मध्य कुछ दूरियां बढ़ने की अटकलें धीरे-धीरे सुनाई पड़ने लगी थीं। दिग्विजय सिंह ने यह कहते हुए उन पर विराम लगा दिया कि मेरे लिए पार्टी से बढ़कर कुछ नहीं हैए बेटा हो या भाई जो भी भाजपा में जाएगा उसे मैं चुनाव हरवाऊंगा। अपना हो या पराया चाहे बेटा जयवर्धन सिंह हो या भाई लक्ष्मण सिंह जो भी कांग्रेस को छोड़कर भाजपा या दूसरी पार्टी में जाएगा मैं उसे चुनाव हरवाने के लिए पूरी ताकत से काम करूंगा। ज्योतिरादित्य सिंधिया व उनके समर्थकों के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने के बाद से ही दिग्विजय सिंह काफी आक्रामक मुद्रा में दल बदलने वालों के विरुद्ध जनमानस बनाने में लगे हैं हैं और जब भी कोई मौका मिलता है वह तल्ख लहजे में सिंधिया पर निशाना साधते हैं। कांग्रेस को भी जिन क्षेत्रों में चुनाव हो रहे हैं उनमें दिग्विजय से काफी उम्मीद है क्योंकि कार्यकर्ताओं को एकजुट कर चुनावी चुनावी समर में उतरने के लिए अब वही प्रेरित कर सकते हैं। 2018 के विधानसभा चुनावों में दिग्विजय ने ही कार्यकर्ताओं को मनमुटाव भुलाकर भुलाकर एकजुट करने में असली भूमिका अदा की थी और और उसी रणनीति ने कांग्रेस की सरकार बनवाने में काफी योगदान दिया था। वैसे दिग्विजय जो कहते हैं वह करते भी हैं। लक्ष्मण सिंह ने 2004 का लोकसभा चुनाव भाजपा टिकट पर जीता था और जब 2009 के लोकसभा चुनाव की बारी आई तो कांग्रेस के कुछ नेताओं ने ऐसा माहौल बनाया कि भाजपा सांसद लक्ष्मण सिंह को केवल दिग्विजय सिंह चुनाव हरा सकते हैं।


दिग्विजय 2003 के विधानसभा चुनाव के पूर्व एलान कर चुके थे कि यदि पार्टी नहीं जीती तो वह 10 साल तक कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे और उन्होंने यह अवधि पूरी होने के बाद ही राज्यसभा का चुनाव लड़ा। अपनी घोषणा के अनुसार दिग्विजय सिंह 2009 का लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं हुए लेकिन उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी गांधी को कह दिया था कि इस बार लक्ष्मण सिंह चुनाव नहीं जीतेंगे और और लक्ष्मण सिंह कांग्रेसी उम्मीदवार नारायण सिंह अमलावे से चुनाव हार हार गए। उस चुनाव में कांग्रेस के पक्ष में न केवल वह सक्रिय रहे बल्कि बल्कि उनके भरोसे के लोगों ने भी जमकर कांग्रेस का काम किया। उपचुनाव के संदर्भ में दिग्विजय सिंह ने जो इरादा व्यक्त किया है उसके बाद कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार और कार्यकर्ताओं में जोश और उत्साह बढ़ जाएगा क्योंकि कांग्रेस को जिताने के लिए पूरी ताकत लगाने का भरोसा दिग्विजय ने उन्हें दिला दिया है।


स्वाधीनता दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी सरकार की योजनाएं विस्तार से बताते हुए कहा कि बेटी बचाओ अभियान नए सिरे से प्रदेश में चलाया जाएगा और बेटियों की पूजा करके करके ही अब कोई शासकीय कार्यक्रम प्रारंभ किया जाएगा तथा महिला सशक्तिकरण में उनकी सरकार कोई कमी नहीं छोड़ेगी। मातृशक्ति के किसानों की भी उपचुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका होगी इसलिए उनके लिए लिए सरकार क्या करने वाली है यह बताने से भी शिवराज नहीं चूके और और कहा कि जरूरत पड़ी तो ऑनलाइन उनसे संबंध स्थापित किया जाएगाए उनके कल्याण के अनेक कदम उठाए जाएंगे। प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के 1500 करोड़ रुपए किसानों के खातों में डाले गए हैं। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत एक लाख करोड़ रूपयों का ऐलान किया गया है जिसमें साढे सात हजार करोड़ प्रदेश का हिस्सा बनता है।


एक जिला एक उत्पाद को बढ़ावा देकर हम उस जिले को विशेष रूप से खड़ा करने का प्रयास करेंगे। कमलनाथ ने प्रदेशवासियों को स्वाधीनता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए आशा व्यक्त की कि जिस प्रकार से जनमत को नकार कर हथियाई हुई सरकार की बेड़ियों में प्रदेश जकड़ा हुआ हैए जल्द ही उपचुनावों के बाद प्रदेश स्वाधीन होगा और पुनः अवरुद्ध विकास की विपन्नता से प्रगति के प्रशस्त मार्ग पर लौट आएगा। आएगा। उन्होंने शिवराज के उद्बोधन को हमेशा की तरह झूठ की बुनियाद पर आधारित तथा जमीनी सच्चाई से कोसों दूर निरुपित किया


और अंत में...........


उपचुनावों में कांग्रेस का एक मुख्य मुद्दा दलबदल का है इसलिए कमलनाथ ने जनता से लोकतंत्र और संविधान को मजबूत करने के लिए एकजुट होने का अनुरोध किया। उन्होंने लोगों का आह्वान किया की वह सच्चाई को पहचाने और सच्चाई का साथ देने का संकल्प लें। उन्होंने किसानों की कर्ज मुक्ति के साथ ही अपनी 15 माह की सरकार की उपलब्धियों और माफिया-मिलावटखोरों के विरुद्ध चलाए अभियान का भी भी उल्लेख किया। कमलनाथ ने किसानों को बताया कि उनकी 15 माह की की सरकार में 27 लाख किसानों का कर्जा पहले और दूसरे चरण में माफ माफ किया गया। तीसरे चरण में 1 जून 2020 से 5 लाख किसानों की कर्ज माफी का प्रावधान किया गया था


 


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