कोरोना प्रबंधन में सरकार पूरी तरह फेल ? लापरवाही स हुई 20 प्रतिशत मौतों का कौन जिम्मेवार?

प्रोटेम स्पीकर को नहीं संवैधानिक समितियों के गठन का अधिकार, सरकार फुल टाइम स्पीकर का चुनाव कराने सत्र बुलाये: नर्मदाप्रसाद प्रजापति


मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने आज कांग्रेस पार्टी की प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि विधानसभा में जो समितियां बनती है, उसको लेकर आजादी के बाद से जब भी बजट सत्र आहूत होता है तब इन समितियों के चुनाव दोनों दलों के सामांजस्य से कराए जाते हैं। विधानसभा अध्यक्ष सदन को सूचना देता है इसके बाद समितियों के चुनाव होते हैं। यह प्रक्रिया मनोनयन के आधार पर होती है। उन्होंने कहा कि मैंने अभी तक देखा है कि बजट सत्र के दौरान तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष यह प्रक्रिया संपन्न कराते रहे हैं


वर्तमान में प्रोटेम स्पीकर ने ये प्रक्रिया नहीं करवाई है। जब नए सदस्य चुनकर आते हैं, तो प्रोटेम स्पीकर को बिठाया जाता है, क्योंकि विधानसभा अध्यक्ष का पद खाली नहीं रह सकता है। प्रोटेम स्पीकर जो कार्य कर रहे हैं, यह विधि सम्मत नहीं है। चूंकि सदन गठित हो चुका है सरकार अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष का चुनाव कराकर संवैधानिक दायित्व का निर्वाह करे। मध्यप्रदेश में विधानसभा सदस्यों की संख्या 203 के आसपास है, जो नए अध्यक्ष का चुनाव कर सकती है। आज राजस्थान में विधानसभा का सदन आहूत किया जा रहा है। राज्यसभा के सदस्यों को शपथ दिलाने के लिए भी राज्यसभा को आहूत किया गया था


श्री प्रजापति ने कहा कि मप्र में सरकार गिराने और गिरने के दौरान भी आपने दो बार सदन आहूत किया था। एक बार बहुमत प्रमाणित करने के लिए और एक बार अध्यादेश के लिये तब अध्यक्ष चुनने के लिये भी इनको सदन बुलाकर तत्काल स्पीकर का विधिवत चुनाव करना चाहिए। क्योंकि जब कोई मुख्यमंत्री इस्तीफा देता है नए मुख्यमंत्री का चुनाव नहीं होता है। तब राज्यपाल के निर्देशानुसार वहीं मुख्यमंत्री का काम देखता है, लेकिन वह मुख्यमंत्री संवैधानिक फैसले नहीं ले सकता है, यह सर्व विदित है, लेकिन यहां पर संवैधानिक फैसले लिए जा रहे हैं। विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव ना कर प्रोटेम स्पीकर के माध्यम से संवैधानिक निर्णय लिए जा रहे हैं, यह गलत है



पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने कहा कि भाजपा आज कोरोना की दुहाई दे रही है, बहुमत सिद्ध करते समय कोरोना की दुहाई क्यों नहीं दी? बीते 25 मार्च को मप्र में कोरोना के केवल 10 मरीज थे। उस समय तत्कालीन कांग्रेस की सरकार ने फरवरी में ही कोरोना से लड़ाई की शुरुआत कर दी थी, 25 और 26 मार्च को विधानसभा में बैठक हुई थी, तब भाजपा के लिये वह डरोना था और आज कोरोना की दुहाई दे रही है। आज मध्य प्रदेश में 42000 से अधिक कोरोना के मरीज हैं और 1000 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं।


जो शोध अखबारों में प्रकाशित हुए हैं उनके अनुसार अगर इन मरीजों का इलाज और जांच समय पर हो जाती तो 20 प्रतिशत मरीजों को बचाया जा सकता थाजो जांच और समय पर इलाज न होने के कारण दम तोड़ चुके हैं। प्रजापति ने पूछा इन मौतों का जिम्मेवार कौन है? शिवराज सिंह प्रदेश की जनता को जबाब दें


एनपी प्रजापति ने कहा कि जो दल सत्ता में है और जो प्रोटेम स्पीकर अभी बैठे हैं उन के माध्यम से विधानसभा सचिवालय को ऐसा कोई अवैधानिक कृत्य नहीं करवाना चाहिए, क्योंकि प्रोटेम स्पीकर को कोई नियम कानून मालूम नहीं होते हैं। सचिवालय को सभी नियम कानून की जानकारी होती है। इतने वरिष्ठ शोधकर्ता यहां से लेकर दिल्ली तक बैठे हैं संविधान और लोकतंत्र के मंदिर में ऐसी कोई परिपाटी छोड़कर ना जाएं, जिससे मंत्रालय के अधिकारी बेलगाम हो जाए


 


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