यह प्रामाणिक राजनैतिक लक्षण सरकार के चुनावी मैदान से पलायन और रणछोड़दास हो जाने के स्पष्ट प्रमाण हैं?
प्रदेश कांग्रेस के मीडिया प्रभारी (ग्वालियर-चम्बल संभाख़) के.के. मिश्रा ने आज शिवराज सरकार पर कोरोना के नाम पर उपचुनाव टलवाने का खंभीर आरोप लख़ाते हए कहा कि आखिरकार सरकार इससे डर क्यों रही है, मिथुन राशि का कौन सा 'क' उसे भयभीत किये हए है-कोरोना, कांग्रेस या श्री कमलनाथ?
अपने इस महत्वपूर्ण आरोप को स्पष्ट करते हुए मिश्रा ने कहा कि चुनाव आयोख़ ने 20 जुलाई को कहा, कोरोना की वजह से चुनाव बढ़ेंखे, 23 जुलाई को कहा सितम्बर अंत तक समय पर ही होंखे, 25 जुलाई मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चैहान चिरायु अस्पताल में भर्ती होते हैं, इस दौरान उनकी सारी प्रशासनिक ख़तिविधि, प्रचार अभियान, तबादला उद्योख़ से सम्बन्धित फाइलों का कार्य सुचारू रूप से संचालित होता है, कुछ दिनों बाद सुबह पोजेटिव होने के बाद उसी दिन वे डिस्चार्ज भी हो जाते हैं, 26-27 जलाई मुख्यसचिव आयोख़ को चुनाव आखे बढ़ाने को लेकर पत्र लिखते हैं? यह प्रामाणिक राजनैतिक लक्षण सरकार के चुनावी मैदान से पलायन और रणछोड़दास हो जाने के स्पष्ट प्रमाण हैं?
मिश्रा ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री जी के ही कथनानुसार ही कोरोना-वोरोना सिवाय सर्दी-खाँसी के अलावा कुछ भी नहीं है, प्रदेश में कोरोना की रिकवरी रेट बढ़ ख़ई है, आर्थिक ख़तिविधियों को अधिक दिनों तक रोका नहीं जा सकता है, मप्र स्वर्णिम हो ख़या है, रामराज्य आ रहा है
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अब आत्मनिर्भर होने की बारी है, तो उसे उपचुनावों को लेकर मिथुन राशि वाले किस ‘क से आखिरकार डर सता रहा है, कोरोना, कांग्रेस या श्री कमलनाथ जी से?