मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के एजेंडे में इस समय 27 विधानसभा उपचुनाव जीतने की रणनीति सबसे ऊपर है।

मुख्यमंत्री केप्टन अमरिन्दर सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर जीआई टेग पर हस्तक्षेप की मांग की तो शिवराज ने पहले केप्टन की मंशा पर सवाल उठाया।


शिवराज ने पहले केप्टन की मंशा पर सवाल उठाया। इन दिनों वे अपने शेष बचे कार्यकाल के लिए मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने एवं अपनी राजनीतिक राह आसान कर मतदाताओं का दिल जीतने के लिए किसानों और खासकर बासमती चावल के जीआई टेग के मुद्दे पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की तगड़ी घेराबंदी करने के अभियान में भिड़ गए हैं। प्रदेश को हर क्षेत्र में आगे ले जाने के मामले में एक अलग तरह का उदाहरण प्रस्तुत करने के अभियान में जुटे शिवराज ने शुक्रवार को लोगों के मन में उम्मीदों की नई लौ जगाई है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि हम अपने संकल्प से तीन वर्ष में आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का लक्ष्य हासिल कर लेगेए इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए त्रिस्तरीय कार्ययोजना बनाई जाएगीकांग्रेस भी इस बात को समझ गयी है और उसने भी इन दोनों मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। शिवराज ने बासमती के जीआई टेग के मामले में सोनिया गांधी को पत्र लिख दिया है तो कमलनाथ ने भी तत्काल शिवराज को अपने तई माकूल जवाब देने की कोशिश की है


शिवराज ने विकास का रोडमैप बनाने के उद्देश्य से प्रथम वेबिनार का शुभारम्भ करते हुए लोगों की आशाएं और उम्मीदें काफी अधिक बढ़ा दी हैं। इसके साथ अब यह जरुरी हो गया है कि वे जितना दावा कर रहे हैं उतना नहीं तो उससे आधा भी यदि कर पाते हैं तो 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा की राह कुछ अधिक आसान हो जाएगी। शिवराज तो गंभीर हैं यह नजर आ रहा है लेकिन साथ ही उनको इस योजना से संबंधित विभागों के मंत्रियों को भी उसी तरह गंभीर बनाना होगा तथा प्रशासनिक अधिकारियों एवं 20 कर्मचारियों में भी ऐसा ही भाव पैदा करना होगा तभी वे वांछित लक्ष्य आयेंगे। कार्यक्रम व योजनाएं तो हमेशा लोकलुभावन और चमकीली होती हैं लेकिन उनकी असली चमक तभी बनी रह सकती है जबकि वे यथार्थ के ठोस धरातल पर उसी भावना एवं मंशा से उतारी जायें जिसको लेकर बनाई गयी हैं। वैसे शिवराज गंभीर हैं इसका आभास इस बात से मिलता है कि इस वेबिनार में नीति आयोग के वरिष्ठ पदाधिकारियोंए विषय विशेषज्ञोंए केंद्र व राज्य सरकार के अधिकारियोंए प्रदेश के मंत्री और सहभागिता कर रहे करीब 150 प्रतिनिधियों ने भाग लिया और उनके सामने वे क्या चाहते हैं इसको उन्होंने बड़ी बेबाकी से प्रस्तुत किया। उन्होंने यह कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आत्मनिर्भर भारत योजना के अंतर्गत आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए गत चार माह में किए गए प्रयासों को अविस्मरणीय स्वरुप दिया जा रहा है जो इस वेबिनार में विद्वानों से प्राप्त सुझाव व मंथन के फलस्वरुप प्राप्त होगा। स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त पर आम जनता आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए तैयार की गयी विस्तृत रणनीति को जान सकेगी। पांच दिन चलने वाले वेबिनार में पहले दिन भौतिक संरचना के अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों में विचार विमर्श प्रारम्भ हुआइसमें प्रमुख रुप से नीति आयोगए विश्व बैंकए टाटा पॉवरए अदानी लॉजिस्टिक लिमिटेडए नेशनल इनवेस्टमेंट एवं इंफ्रास्ट्रक्चर फंडए आईआईटी चेन्नईए वॉटर एड इंडियाए नर्मदा घाटी विकास प्राधिकारण आदि ने भाग लियाइस सत्र को सम्बोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा है कि कोरोना संकट में पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई हैए इससे उबरने के लिए आत्मनिर्भरता के अलावा कोई विकल्प नहीं है। प्रभु ने आशा व्यक्त की कि चूंकि मध्यप्रदेश भारत का हृदय स्थल है और यहां से यदि शुरुआत होगी तो पूरे देश में यह सफल होगा। प्रदेश को ग्लोबल वेल्यू चेन और ग्लोबल सप्लाई चेन से जोड़ना होगा। इससे यह भी आभास मिलता है कि समूचे देश में प्रधानमंत्री के इस अभियान को साकार करने के लिए सबसे पहले शिवराज ने ही कदम बढ़ाये हैं। पहले दिन जो प्रमुख सुझाव आये उसमें चम्बल प्रोग्रेस वे तथा नर्मदा एक्सप्रेस वे को जल्द पूर्ण करने के लिए भूमि अधिग्रहण हेतु पोर्टल विकसित करनेए उद्योग तथा व्यापार से संबंधित मामलों के त्वरित निपटारे के लिए हाईपॉवर कमेटी गठित करनेए मध्यप्रदेश को मल्टी मॉडल लाजिस्टिक हब बनानेए ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों से कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाना आदि शामिल है


बासमती पर कांग्रेस को घेरने की कोशिश


मध्यप्रदेश में बासमती चावल की जीआई टेगिंग का मामला अब कांग्रेस और भाजपा के बीच सियासी लड़ाई के मैदान में तब्दील हो गया है। पंजाब में चूंकि कांग्रेस सरकार है और मुख्यमंत्री केप्टन अमरिन्दर सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर जीआई टेग पर हस्तक्षेप की मांग की तो शिवराज ने पहले केप्टन की मंशा पर सवाल उठाया। अब उन्होंने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर भविष्य में होने वाले दुष्प्रभाव को भी स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा कि यदि जीआई टेग हटा तो भारत की निर्यात क्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ेगा और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पाकिस्तान को फायदा हो सकता है। बतौर किसान सोनिया गांधी को लिखे पत्र में शिवराज ने कांग्रेस को किसान विरोधी करार देते हुए उनसे जवाब मांगा। उन्होंने केप्टन के कथन को किसान एवं मध्यप्रदेश उन्होंने केप्टन के कथन को किसान एवं मध्यप्रदेश विरोधी तथा दुर्भावनापूर्ण बताया। शिवराज ने आरोप लगाया कि यह किसान विरोधी चरित्र को उजागर करता है। पत्र को सोनिया को लिखा था लेकिन उसके प्रत्युत्तर में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट किया है कि पंजाब के मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री को पत्र लिख रहे हैं लेकिन मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री चौहान कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष को पत्र लिख रहे हैं। कमलनाथ ने आरोप लगाया कि शिवराज को सिर्फ राजनीति करना है किसान या प्रदेश हित से उनका कोई लेना-देना नहीं है


यह भाजपा-कांग्रेस का मामला नहीं बल्कि केंद्र सरकार का विषय है। यदि चौहान ने अपने पिछले कार्यकाल में बासमती चावल को जीआई टेग दिलाने के ठोस प्रयास किए होते तो आज प्रदेश के किसानों को उनका हक मिल चुका होता। इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री को यह सलाह भी दे डाली कि वे सुप्रीम कोर्ट में इस लड़ाई को सही ढंग से लड़ें। कमलनाथ ने आरोप लगाया कि भाजपा हर मामले में झूठ फैलाने और झूठ बोलने में माहिर है। प्रदेश को जीआई टेग मिले इसके लिए वे और उनकी सरकार सदैव पक्षधर रही है तथा आज भी इस बात का मैं पक्षधर हूं कि हमें यह मिलना ही चाहिए। कमलनाथ ने कहा कि मैं हमेशा से मध्यप्रदेश के किसानों के साथ रहा हूंए हमेशा उनके साथ रहूंगा और उनकी लड़ाई पूरी ताकत से लड़ता रहूंगा। बासमती चावल को जीआई टेग मिले इसकी शुरुआत ऐपिडा ने नवम्बर 2008 में की थी और उसके बाद 10 वर्ष तक प्रदेश में भाजपा सरकार रही जिसने इस लड़ाई को ठीक ढंग से नहीं लड़ाए जिसके कारण हम इस लड़ाई में पिछड़े


और यह भी...


शिवराज के द्वारा आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की दिशा में जो प्रयास किए जा रहे हैं उस पर प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष विधायक कुणाल चौधरी ने मुख्यमंत्री को एक सकारात्मक सुझाव देते हुए मांग की है कि वे आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत प्रदेश के विकास के लिए कमलनाथ के अनुभवों का लाभ लेंए क्योंकि वे वैश्विक नेता हैं और अपने शासनकाल में प्रदेश के विकास के लिए इनवेस्टर समिट भी कर चुके हैं। ग्वालियर-चम्बल संभाग के लिए कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधते हुए कहा है कि मुद्दों में भटकाव कैसे लाया जाए इसमें आप और आपकी विचारधारा बेजोड़ है। पहले स्वर्णिम मध्यप्रदेश को लेकर विधानसभा का विशेष सत्र आहूत किया उस समय प्रदेश शब्दों में स्वर्णिम हो गयाए अब आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश भी शब्दों में ही पूरा हो जाएगा फिर इसके बाद अगला कौन सा शाब्दिक अभियान होगा।


 


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