बच्चे और बुजुर्गों ने कोई भी काम नहीं होने पर भी ऐसे रखा है अपने आप को व्यस्त लेकिन लॉक डाउन का पूरा पालन कर रहे हैं क्या हमें इनसे कुछ नहीं सीखना चाहिए?