कोरोना वायरस: सबसे अधिक मौतें इटली में हुई हैं. गलती कहा हुई?


कोरोना वायरस का पहला केस चीन के वुहान शहर में बीते साल दिसबर में सामने आया था. महज़ कुछ हफ़्तों में ही यह वायरस दुनिया के ली भी हर देश में पहा चुका है. लाखों ली सक्रमित हैं और हज़ारों की जान जा चुकी है. धरती का ली भी हर हिस्सा इस सक्रमण की चपेट में आ चुका है. ी र आकड़ों के आधार पर बात करें तो दुनिया भर में करीब सात लाख से अधिक ली इसकी चपेट में हैं जबकि मरने वालों की सध्या 33 हज़ार के पार पहुग चुकी है. हालाकि एक लाख से अधिक ली री-कवर भी कर चुके हैं. सक्रमण के सबसे अधिक मामले अमरीका में हैं जबकि सबसे अधिक मौतें इटली में हुई हैं. इटली में सक्रमण के फैलने से लेकर अभी तक दस हज़ार से अधिक लों की मौत हो चुकी है.उनके रिश्तेदार अस्पताल में हैं लेकिन वो कोरोना वायरस से सक्रमित नहीं हैं. वो अपनी दूसरी स्वास्थ्य समस्याओ की वजह से अस्पताल में हैं. कोरोना वायरस के बारे में जो एक चीज़ अभी तक स्पष्ट तौर पर पता है वो ये कि कोविड -19 सबसे अधिक बुजी को प्रभावित करता है. एक कारण टेस्ट के लिए अपनायी जा रही प्रक्रिया को भी माना जा रहा है, जिससे ये सही से पता ही नहीं चल पा रहा है कि कितने ली सक्रमित हैं.


तोड़े-मरोड़े। ए आकड़े मिलान के एक अस्पताल में कार्यरत डॉ. मासिमोल्ली का कहना है कि इटली में अभी तक जितने सक्रमित मामलों की पुष्टि की ई है वो पूरे सक्रमित ली की सध्या को नही दर्शाता है. उनका कहना है कि जो आँकड़े हैं वो बहुत अधिक हैं. सिर्फ उन मामलों की जान की जा रही है कि जिनमें सक्रमण का स्तर बहुत अधिक है. बाक़ी ली की जाच नही की जा रही है. इस वजह से मौत के आँकड़े बढ़ते जा रहे हैं. इसके अलावा कोरोना वायरस के इलाज में ली ली और स्वास्थ्यकर्मियों के पास सुरक्षा आवरण और उपकरणों की भी कमी है.



बुजुर्गों को है सबसे अधिक ख़तरा इटली के सरकारी हेल्थ इस्टिट्यूट के मुताबिक़, इटली में अभी तक जितने लोगों की मौत हुई है और उनकी औसत उम निकाली जाए तो यह 78 वर्ष है. विशेषज्ञों के मुताबिक़,अभी तक इटली की सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली पहले से मौजूद चिकित्सा सेवाओ के साथ बहुत से बुजुर्गों को बचाने में कामयाब रही है.


प्रतिबधों की भीरता इसी बीच कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इटली ने अपने यहा कोरोना वायरस को रोकने के लिए जो प्रतिबध ली ए हैं वो कही अधिक चीन का वुहान शहर वो पहला क्षेत्र था, जहा लॉकडाउन कियाी या था. वुहान शहर को जनवरी में ही बद कर दिया। या था. वहा जाने और वहा से आने वाली सभी हवाई यात्राओ को प्रतिबधित कर दिया। या था. ट्रेनें रोक दी। ईं, बसें बद कर दी। ई और सभी हाइवे की सीमाओ को बद कर दिया। या. सभी पर्यटक स्थल जिसमें सभी होटल और फ़ॉर्म हाउस शामिल हैं बद कर दिए ए हैं. लेकिन ये प्रतिबध विश्वविद्यालय डॉरमेटरीज़ और धार्मिक सम्थाओ द्वारा प्रतिबधित रिहायशी स्थलों पर नही ली ही'. एक ओर जहा बहुत से ली इन प्रतिबधों की आलोचना कर रहे हैं वही कुछ लों की राय इसके बिल्कुल उलट है. उनका मानना है कि इटली में जो प्रतिबद ली ए ए हैं वो चीन की तुलना में अभी भी उतने सख़्त नहीं हैं जितने चीन में थे. यूरोपियन एड इटैलियन सोसायटी फॉर वायरोलॉजी के पूर्व प्रोफ़ेसर डॉ. पालू के अनुसार, इसके अलावा दूसरा कोई विकल्प भी नही है. वो कहते हैं, "हमसे कुछ सबैधानिक अधिकार बेशक छीन लिएरी ए हैं लेकिन यह सबसे बेहतरीन कदम है जो एक लोकता में उठाया जा सकता है." लेकिन जिस तरह से इटली में मौत के आकड़े बढ़ते जा रहे हैं ऐसा ली ता तो नही कि इटली फिलहाल इन प्रतिबधों में कोई ढील दी।


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