जब भी कोरोना का सताये डर। न किसी से मिलो रहो घर पर।श्रद्धा गुप्ता


जब भी कोरोना का सताये डर। न किसी से मिलो रहो घर पर।i


जब भी ये दिल उदास होता हैकोरोना आस पास होता है।i


न किसी से मिलो। रहो घर पर ii


नाक से आये जब तुम्हें छींकेंi सांसे कुछ धीमी धीमी चलती हो।i


हॉथ-पैरों में हो तुम्हें जकरन। सर्दी-खाँसी के जैसे हो लक्षणii


जाके डॉक्टर को फिर दिखाओ तुमi कोरोना तुमको भी हो सकता हैii


लोगों से दुरियां बना के चलो i खुद की दुनिया में तुम हो जाओ मगन ii


तुमको जो वक्त मिला प्यारा सा i खोज डालो कोई पुरानी लगन ii


घर से निकलो न तुम मेरे यारों। कोरोना जान भी ले सकता हैii


पुरी दुनिया पे है कोरोना कहर। तुमको बचना है तो रहो घर पर।।


देशभक्ति तुम्हें निभानी अगर। जो जहां है वहीं वो जाये ठहर ii


हमने मिलकर मुहिम चलाई जो i देश कोरोना से बच सकता है।i