कोरोना को लेकर एफ़आईआर जरूर होना चाहिए लेकिन भाजपा पर , जिसने सत्ता की लोलुपता में प्रदेश को कोरोना की आग में झोखा - नरेंद्र सलूजा 

कोरोना को लेकर एफ़आईआर जरूर होना चाहिए लेकिन भाजपा पर , जिसने सत्ता की लोलुपता में प्रदेश को कोरोना की आग में झोखा - नरेंद्र सलूजा 

भोपाल -
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने भाजपा के विधायक व प्रदेश उपाध्यक्ष रामेश्वर शर्मा के आज दिए बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि रामेश्वर शर्मा ने ठीक कहा कोरोना को लेकर एफआईआर दर्ज होना चाहिए लेकिन यह भाजपा पर दर्ज होना चाहिए , जिसने सत्ता की लोलुपता में प्रदेश को कोरोना की आग में झोखा।
    सलूजा ने कहा कि बड़ा ही आश्चर्यजनक है कि शर्मा कह रहे हैं कि कमलनाथ जी मुख्यमंत्री के रूप में जमातीयों के लिए रेड कारपेट बिछाते रहे जबकि सच्चाई पूरा देश जानता है कि दिल्ली में तबलीगी जमात के आयोजन के लिए रेड कारपेट किसने बिछाये , दिल्ली पुलिस पर किसका नियंत्रण है , किसने जानकारी होने के बाद भी इस आयोजन को होने दिया , लाक डाउन में भी वहां लोग रुके रहे और वैसे भी इस मामले में पुलिस ने पहला नोटिस 24 मार्च को तबलीगी जमात को दिया , जबकि प्रदेश में कमलनाथ जी ने मुख्यमंत्री के पद से 20 मार्च को ही इस्तीफा दे दिया था।
  शर्मा कह रहे हैं कि राहुल गांधी जी ने 12
फरवरी को हिदायत दी थी , मध्य प्रदेश सरकार ने क्या किया। उस पर जवाब देते हुए सलूजा ने कहा कि राहुल गांधी जी ने विभिन्न ट्वीट के माध्यम से लगातार केंद्र की मोदी सरकार को कोरोना  की भयावहता से देश को बचाने के लिए आवश्यक कदम उठाने की मांग की थी और उनकी इस मांग को अनसुना कर मोदी जी नमस्ते ट्रम्प आयोजन में व हुनर हाट में लिट्टी-चोखा खाने में व्यस्त रहे।उनकी आंख 22 मार्च को खुली जिस दिन उन्होंने जनता कर्फ्यू का ऐलान किया और मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार को गिराने के बाद 24 मार्च को देशभर में लाक डाउन का ऐलान किया गया। जब तक देश कोरोना की चपेट में आ गया था।
    सलूजा ने कहा कि शर्मा झूठे आरोप लगा रहे हैं कि मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार ने कोरोना को लेकर क्या किया तो पूरा प्रदेश जानता है कि 3 मार्च से ही प्रदेश की स्थिर सरकार को गिराने का खेल भाजपा ने प्रारंभ कर दिया था।8 मार्च को तो भाजपा के नेता प्रदेश के कांग्रेस विधायकों को बंधक बनाकर बेंगलुरु ले गए थे और 10 मार्च को तो उन विधायकों के इस्तीफे भी भाजपा के एक पूर्व मंत्री लेकर विधानसभा अध्यक्ष के पास आ गए थे।12 मार्च को डब्ल्यूएचओ ने कोरोना को महामारी घोषित किया।14 मार्च को प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने नागरिकों को अलर्ट जारी करते हुए स्कूल ,कॉलेज ,शॉपिंग माल बंद करने की घोषणा की।मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ने कोरोना  को लेकर समीक्षा बैठक कर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। 16 मार्च को विधानसभा का सत्र स्थगित किया।जब तक तो भाजपा नेता कोरोना को डरोना ही बता रहे थे।
  23 मार्च को शिवराज सरकार आने के बाद कोरोना को लेकर प्रदेश की स्थिति खुद भाजपा के नेता देख ले , कोरोना प्रदेश वासियों के लिए दिन प्रतिदिन भयावह होता जा रहा है और शिवराज सरकार से प्रदेश संभल नहीं रहा है।प्रदेश निरंतर कोरोना के आँकड़ो में उससे हो रही मृत्यु में देश में शीर्ष पर पहुंचता जा रहा है।
भाजपा पहले सच्चाई को जान लें फिर कांग्रेस पर झूठे आरोप लगाए।


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