*पलायन से आए मजदूर बढा रहे चुनौतियां*
सुनील जोशी
*जोबट* -जिले एवं नजदीकी जिलों में जिला प्रशासन द्वारा लगातार रोक लगाने के बावजूद तथा जिलों की सीमाओं को बंद करने के बाद भी लगातार अन्य जिलों से आदिवासी मजदूरों ने घर पर आना शुरू कर रखा है बीती रात साइकिल से पन्ना जा रहे दो युवकों को बोरी ग्राम पंचायत में रोजगार सहायक विनोद राठौड द्वारा रोका गया वही उनके रुकने खाने-पीने और स्वास्थ्य परीक्षण की कार्रवाई की गई वही रात में ही उदयगढ़ पंचायत के जामली ,थादला , टेरका सियाली , कोटडा , रतनपुरा गांव में 70 से ज्यादा मजदूर मंदसौर एवं अन्य सीमावर्ती जिलों से गांव में आ गए हैं इस प्रकार लगातार आ रहे लोग जहां व्यवस्था को ठेंगा दिखा रहे हैं वहीं ग्रामीणों के बीच नई चुनौतियां पेश कर रहे हैं जनपद पंचायत एवं ग्राम पंचायत द्वारा लगातार नजर रखी जा रही है किंतु ऐसी परिस्थितियों में होली के बाद गांव में जो मजदूर अन्य राज्यों में पलायन नहीं कर पाए और लगातार आ रहे मजदूरो के लिए रोजगार उपलब्ध कराना अपने आप में चुनौतीपूर्ण कार्य है गरीब आदिवासी परिवारों में जागरूकता की कमी एवं भरण पोषण की लड़ाई अंधविश्वास पहले से ही जिले में समस्या पैदा करते हैं ऐसी स्थिति में जिला प्रशासन को जिले की सीमाओं को बंद कर चाक-चौबंद व्यवस्था करना होगी । तभी कोरोना जैसी वैश्विक महामारी को ज़िले मे आने से रोका जा सकेगा । ग्राम पंचायतों द्वारा गरीब परिवारों को चिन्हित कर उनके लिए कच्चे राशन की व्यवस्था का कार्य सराहनीय है । जिसके लिए जनपद पंचायत का अमला एवं ग्राम पंचायत की भूमिका सराहनीय है । आने वाला समय गर्मी का है जिसमें पानी की दिक्कत और उससे जुड़ी विभिन्न प्रकार की बीमारियां फैलने की आशंका रहेगी और स्वास्थय के पति जागरूकता हेतू प्रयास तेज करने की आवश्यकता होगी ।