आज 30 मई को पूरे देश में भाजपा मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले साल का जश्न मना रही है, क्यों? - के के मिश्रा

*आज 30 मई को पूरे देश में भाजपा मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले साल का जश्न मना रही है, क्यों? भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने तो दावा किया था कि हम 2040 तक केंद्र में सरकार पर क़ाबिज़ रहेंगे तो जश्न- उपलब्धियां 5 सालों के कार्यकाल के बाद सिर्फ छठवें साल की ही क्यों ? कारण स्पष्ट है कि 70 साल की उपलब्धियों का हिसाब मांगने वाले मात्र 6 सालों ही हिसाब भी नहीं दे पा रहे हैं ! अपने राजनैतिक जमा-खर्च में नाकामियां ही अधिक शुमार दिखाई दे रही हैं!* *क्या भाजपा राष्ट्र को यह बताने की स्थिति में हैं कि जिन नरेंद्र मोदी को 2014 में 56" का सीना, 2019 में एक शक्तिशाली (कथित) राष्ट्रवादी नेता के रूप में प्रस्तुत किया गया हो,वह अब फ़्लाफ़ होता दिखाई क्यों दे रहा है, पहले जब किसी प्रधानमंत्री के "राष्ट्र के नाम संदेश" प्रसारित होने की सूचना मात्र से ही समूचा देश उद्वेलित हो उठता था,अब भयभीत हो जाता है, ऐसा क्यों? देश में वर्चुअल संवाद करने वाली भाजपा क्या आज यह बताने की स्थिति में है कि देश की अर्थ व्यवस्था आज किस दौर में है,तमाम आर्थिक पैकेज भी हमारी अर्थव्यवस्था को क्यों नहीं संभाल पाए ? हमारी अर्थ व्यवस्था करीब 2.9 ट्रिलियन की है, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2024 -25 तक देश को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का सपना देखा है, इसे पूरा करने के लिए देश की अर्थव्यवस्था को करीब 8 फीसदी की रफ्तार चाहिए, इसकी सूरत कहीं दूर-दूर तक भी नज़र आ रही है?डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट लगातार जारी है? वस्तुओं,निजी उपभोग की मांगों में भारी कमी व गिरावट आई है, ऐसा क्यों ?* *2011 से 2019 तक कृषि अर्थव्यवस्था का औसत 4126.42 था, 2018 की चौथी तिमाही में यह अब तक के सर्वोच्च स्तर 5869.74 अरब पर पहुंची थी।2019 कि दूसरी तिमाही में 4335.47 अरब थी, जो तीसरी तिमाही में गिरकर 3651.61 अरब पहुंच गई?* *अप्रेल 1991 से नवम्बर 2019 के दौरान औसत निर्यात दर 10.8 फीसदी रही है।इसमें 0.30 से अधिक प्रतिशत की कमी आई है!नवम्बर 2019 में भारत का कुल निर्यात 26 अरब अमेरिकी डॉलर था,इसी महीने कुल आयात 38.1 अरब डॉलर रहा।इस माह का कुल घाटा 12.1 अरब डॉलर रिकार्ड किया गया है? इसीप्रकार रेटिंग एजेंसी केयर के मुताबिक 2017-18 में रोजगार की दर 3.9 फीसदी थी,2018-19 में गिरकर 2.8 फीसदी रह गई है।एजेंसी के मुताबिक,बड़े उद्योग वास्तविकता में रोजगार में नकारात्म विकास के गवाह है!!* *वर्चुवल संवाद के दौरान क्या इन अनुत्तरित सवालों के जवाब भी देशवासियों को कोई देगा कि केंद्र ने निरंतर ध्वस्त हो रही मंहगाई को थामने के लिए क्या किया? वैश्विक बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतों में अब तक की आई सबसे बड़ी गिरावट के बाद भी पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम होने की अपेक्षा क्यों बढ़ा दी गई ?कितने बेरोजगारों की रोज़गार मिला,कितनों का रोजगार छिना?* *इन तमाम नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए हमारे सामाजिक ताने-बाने को ध्वस्त करने,उसे विभाजित करने,नफरत का वायरस फैलाने की कितनी प्रायोजित कोशिशें हुई ? देश में साम्प्रदायिक दंगों में कितनी मौतें हुई ? सीमाओं पर पडौसी देश ने कितनी बार सीज़ फायर किए?कितने सैनिकों की शहीदी हुई ?आतंकी घटनाओं का आंकड़ा पिछली तुलना में क्या है ? कितने बैंक डिफॉल्टर उद्योगपतियों को कितने हज़ार करोड़ के ऋण माफ़/राइट ऑफ़ किये गए और क्यों ? देश की बैंकों का करोड़ों-अरबों डकार कर विदेश भाग चुके राजनैतिक संरक्षित डकैतों को भारत लाने की इस वर्ष कितनी ईमानदार कोशिशें की गई,यदि नहीं तो क्यों ? इन वर्षों में कितने बड़े व प्रतिष्ठित उद्योग,संस्थान निजी हाथों में बेचे गए?* *यह चर्चाएं जब आमजन की जिज्ञासा का केंद्र है तब इसी दौर में वैश्विक कहर कोरोना का देश में प्रवेश होता है। 30 जनवरी,2020 को केरल में पहला कोरोना संक्रमित मिला,फरवरी में WHO ने भी चेतावनी दे दी थी, उसके बाद देश में विदेशों से 62 लाख हवाई यात्री बिना जांच के भारत कैसे पहुंचे, जिन्होंने पूरे देश मे संक्रमण परोस डाला? विदेशों से आने वाली विमान सेवाएं किसकी सलाह पर जारी रखी गईं ? अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की यात्रा में 500 अन्य मेहमान भी भारत आये थे, वे दिल्ली,आगरा,मुम्बई व गुजरात भी गए, गुजरात में 1 लाख लोगों ने "नमस्ते ट्रंप" में हिस्सा लिया,क्या वहां कोरोना नहीं फैला? इसके बाद जब ताबड़तोड़ 24 मार्च को देश को बिना विश्वास में लिए यकायक रात 12 बजे बिना किसी पूर्व तैयारी के लॉक डाउन (नोटबंदी) जैसी घोषणा की, तब गरीबों,व्यापारी,उद्योगपतियों, छात्र-छात्राओं, प्रवासी मज़दूरों की कठिनाइयों पर विचार क्यों नहीं किया गया? आज कोरोना संक्रमण को लेकर हमारा देश दुनिया में 9 वें स्थान पर आ गया है। आंकड़े भयावह होते जा रहे हैं। कुल मरीज संख्या 1 लाख 60 हज़ार 666 हो गई है, अंतहीन मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है, प्रधानमंत्री के गृह प्रान्त में ही मृत्युदर सर्वाधिक है, मृत्यु के आंकड़े छुपाये जा रहे है,पूरा देश ने प्रवासी मज़दूरों के दयनीय हालातों,संघर्ष की कहानियों को अपनी आंखों से देख रहा है...(शायद भाजपा-मोदी सरकार नहीं)?* *जबाबदार कौन???? शायद पंडित जवाहरलाल नेहरू....???* *पहले प्रधानमंत्री जी ने कहा, कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई में आप मुझे सहयोग करें, फिर ठीकरा राज्य सरकारों पर, राज्य सरकारें जिला प्रशासन पर और अब कहा जा रहा है कि देश/नागरिकों को कोरोना के साथ जीने की आदत डालनी होगी, बिना विराम हो रही निर्दोष मौतों के बाद यह भद्दा मज़ाक क्यों, करोड़ों-अरबों खर्च के बाद भी संक्रमण के कहर पर नियंत्रण क्यों नहीं,गुजरात (अहमदाबाद) के सिविल अस्पताल में फर्जी 1000 वेंटिलेटर सप्लाय करने वाला (जिसके कारण सिर्फ इसी अस्पताल में 343 मौतें हो चुकी हैं) कौन,किसका मित्र है,हिमाचल प्रदेश में सप्लाय घोटाले के बाद भाजपा प्रदेशाध्यक्ष को इस्तीफा क्यों देना पड़ा ?? फिर भी यह अनैतिक व बेशर्मीपूर्ण अक्षम्य मज़ाक??यह स्थितियां जवाबदारों की सफलता है या असफ़लता???* *कुल मिलाकर मौजूदा हालात 1947 से भी बदतर हैं और आप जश्न-उपलब्धियां?* *यह संवाद सिर्फ मोदी सरकार 2.0 के सिर्फ एक ही (छठे) वर्ष का है 5 वर्षों का नहीं ???* *बेशर्मी मुबारक हो !!!*


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