उमरिया - बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा बफर क्षेत्र में खितौली वृत्त के मेडरा बीट के कक्ष क्रमांक 487 में तेंदू पत्ता संग्रहण करने गए श्री कमलू वल्द बाबूलाल चौधरी उम्र 45 वर्ष को बाघ द्वारा सुबह 7 बजे के आसपास घयल कर दिया गया। सूचना मिलने पर वन विभाग के कर्मचारी द्वारा पुलिस को सूचित करते हुए घायल श्री कमलू को तत्काल उपचार हेतु बरही ले जाया गया एवं प्राथमिक जांच उपरांत बरही से डिस्चार्ज कर घर भेज दिया गया। श्री कमलू को नियमानुसार तात्कालिक सहायता राशि भी प्रदाय की गई। श्री कमलू की स्थिति अब ठीक है एवं उनके जान को कोई खतरा नहीं है। इसी प्रकार एक अन्य घटना में बीट पिटौर के कक्ष क्रमांक 623 में रणविजय नगर वनक्षेत्र सागोन प्लांटेशन के अंदर एक महिला सरोज पति मोतीलाल कोल उम्र 35 वर्ष तेन्दू पत्ता संग्रहण करते समय सुबह 6 बजे पैर में घायल कर दिया गयाए इन्हें भी तत्काल अमरपुर चिकित्सालय भेजकर उपचार की व्यवस्था की गई। उल्लेखनीय है कि लघु वनोपज संग्रहण जैसे महुआए तेन्दू पत्ताए अचार आदि के संग्रहण के लिए बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व या आसपास के ग्राम के ग्रामीण प्रायः ऐसे वनक्षेत्र में चले जाते हैं जहां हिंसक वन्यजीवों की उपस्थिति रहती है।
लघु वनोपज के संग्रहण के दौरान इन ग्रामीणों द्वारा आवश्यक सावधानियां नहीं बरती जाती हैं एवं समूह से पृथक होकर अकेले भी ये संग्रहण करने दूर सघन वनों मेंए यहां तक कि प्रतिबंधितकोर क्षेत्र में भी प्रवेश कर जाते हैं। झुककर अथवा जमीन पर बैठकर लघु वनोपज का संग्रहण करने के कारण बाघ या अन्य हिंसक वन्यजीवों द्वारा इन्हें चौपाया समझकर आक्रमण कर दिया जाता है। विगत माह में भी बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व एवं आसपास के वनमण्डलों में लघु वनोपज का संग्रहण करते समय बाघए भालू या जंगली सुअर के आक्रमण से ग्रामीणों के मृत्यु होने या गंभीर रूप से घायल होने की कई घटनाएं घटित हुई हैं। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा महुआ सीजन प्रारम्भ होने से पूर्व से ही ग्रामीणों की बैठकें लेकरए मुनादी करवाकर एवं गांव में प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर सूचना लगवाकर आवश्यक सावधानियां बरतने संबंधी जानकारियां दी गई थीं एवं प्रेस नोट जारी कर समाचार पत्रों के माध्यम से भी इस संबंध में प्रचार-प्रसार किया गया था। इसके बावजूद भी ग्रामीणों को वन्यजीवों द्वारा घायल किए जाने की घटनाएं निरंतर हो रही हैं। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन पुनः अपील करता है कि लघु वनोपज संग्रहण करने के लिए ग्रामीण प्रतिबंधित क्षेत्र अथवा ऐसे क्षेत्र जहां प्रायः हिंसक वन्यप्राणियों का विचरण होता है न जाएंलघु वनोपज संग्रहण के संबंध में ग्रामीण समूह में जाएं ताकि समूह के एक-दो व्यक्ति आस-पास नजर रख सकें और किसी भी प्रकार के वन्यजीवों की उपस्थिति मिलने पर सुरक्षित स्थानों पर जा सकें। सभी आसपास के ग्रामों में निरंतर इस बावत् मुनादी व प्रचार-प्रसार जारी है।