ब्रिटेन की सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय व्यापारी विजय माल्या की प्रत्यर्पण के खिलाफ़ दायर याचिका को खारिज कर दिया है. भारत ने विजय माल्या को भगोड़ा घोषित किया हुआ है. ये याचिका खारिज होने के बाद विजय माल्या के पास ब्रिटेन में लगभग सभी तरह के क़ानूनी विकल्प ख़त्म हो चुके हैं. अब उन्हें 28 दिनों के अंदर भारत भेजा जा सकता है. ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल को इस पर अंतिम फैसला लेना है. इससे पहले ब्रितानी हाईकोर्ट ने भी माल्या की याचिका खारिज कर दी थी. लिकर किंग के नाम से प्रसिद्ध 64 वर्षीय शराब कारोबारी विजय माल्या ने भारत में प्रत्यर्पित करने के आदेश के ख़िलाफ़ याचिका दायर की थी.
माल्या के सभी विकल्प ख़त्म बीबीसी संवाददाता गग्गन सभरवाल ने बताया है कि इस फैसले के बाद उनके पास सभी क़ानूनी विकल्प ख़त्म हो चुके हैं. वो कहती हैं, "भारत-ब्रिटेन प्रत्यर्पण संधि के मुताबिक़, अब ब्रितानी गृह मंत्री प्रीति पटेल को आने वाले 28 दिनों के अंदर विजय माल्या को भारत प्रत्यर्पित किए जाने के कोर्ट ऑर्डर पर हस्ताक्षर करने होंगे." . माल्या का प्रत्यर्पण हुआ. तो भी लग सकते हैं महीनों माल्या क्यों बोले, 'पीएम ने मुझे दोषमुक्त किया'
भारत की बड़ी जीत ये कोई पहला मौक़ा नहीं है जब किसी ब्रितानी अदालत ने विजय माल्या की याचिका को खारिज किया हो. इससे पहले ब्रिटेन का हाईकोर्ट उनकी इसी याचिका पर फैसला दे चुका है.. ब्रितानी हाईकोर्ट के जस्टिस स्टीफ़न इरविन और जस्टिस एलिज़ाबेथ लाइंग ने ईमेल के ज़रिए अपना फैसला सुनाया था. इस फैसले से ठीक पहले विजय माल्या ने ट्विटर के माध्यम से भारत सरकार को समझौते के संकेत भेजे थे.
विजय माल्या पर क्या हैं आरोप विजय माल्या मार्च 2016 को भारत छोड़कर ब्रिटेन चले गए थे. उन पर आरोप हैं कि उन्होंने अपनी किंगफ़िशर एयरलाइन कंपनी के लिए बैंकों से क़र्ज़ लिया और उसे बिना चुकाए वो विदेश चले गए. स्कॉटलैंड यार्ड ने अप्रैल 2017 में उनके ख़िलाफ़ प्रत्यर्पण वॉरंट जारी किया था जिसके बाद वो ज़मानत पर हैं. ज़मानत के लिए उन्होंने साढ़े छह लाख पाउंड का बॉन्ड भरा था