श्री गणेशाय नमः आज का नाम है
(विश्वतो
मुखी )अर्थात जिनका मुख्य समस्त दिशाओं में विद्यमान है या जो समस्त दिशाओं में स्वयं विद्यमान है एक समय की बात है सती रूप में माई भगवान शिव शिव से अपने पिता प्रजापति दक्ष के घर जाने की अनुमति मांगी परंतु शिवजी ने उन्हें मना कर दिया वे उनका मार्ग वाधित करने लगे माई ने सती रूप में सभी बाधित मार्गो से अपने आप को स्थान अंतर कर लिया वह दसों दिशाओं में भी प्रकट होती रही उनका यह रूप देखकर भगवान शिव डर गए वा उन्होंने मार्ग बाधित करना छोड़ दिया उसके पश्चात देवी अपने पिता के घर चली गई और आगे का इतिहास तो हम सबको विदित ही है कि किस तरह दक्ष की यज्ञशाला में उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दे दी और भगवान शिव ने बाद में दक्ष का वध कर दिया जय माई की
श्री गणेशाय नमः आज का नाम है (विश्वतो