भारत-चीन सीमा विवाद: 'भारत को दुश्मन बनाने की हमारे पास कोई वजह नहीं है, लेकिन भारत और चीन की सेना आख़िर लद्दाख बॉर्डर पर गलवान वैली में क्यों भिड़ीं?


चीन की सरकार और सरकारी नियंत्रण वाले मीडिया ने ये बात जोर देकर कही है कि भारत और चीन सीमा पर जारी विवाद सुलझाने में सक्षम हैं और इसके लिए अमरीकी मध्यस्थता की ज़रूरत नहीं है. इस बीच, चीन के उत्तर पश्चिम के दुर्गम इलाकों में चीनी सैनिकों के हालिया हुए युद्धाभ्यास से जुड़ी ख़बरें सरकारी मीडिया में लगातार छप रही हैं.


सीमा पर हालात 'नियंत्रण' में पश्चिमी हिमालय की गालवान नदी घाटी को लेकर दोनों देशों के बीच विवाद है और इस इलाके में मई की शुरुआत में चीन और भारतीय सैनिकों के बीच कई बार झड़पें भी हुई थीं. दरअसल, झाओ लिजियान ने ये बयान ऐसे वक्त में दिया था, जब अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चीन के साथ सीमा विवाद सलझाने में मध्यस्थता की पेशकश की थी. ट्रंप ने इससे पहले भी 27 मई को ट्विटर पर चीन-भारत सीमा विवाद में मध्यस्थता की पेशकश की थी. अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-चीन सीमा विवाद पर क्या कहा? ग्लोबल टाइम्स ने पांच जून और अपने चीनी और अंग्रेजी संस्करण में संपादकीय छापा, "भारत को दुश्मन बनाने की हमारे पास कोई वजह नहीं है. लेकिन चीन अपनी ज़मीन का एक इंच भी नहीं छोड़ेगा. भारत अगर रणनीतिक रूप से कोई गलती करता है और चीन की ज़मीन छीनने की कोशिश करता है तो चीन उसे कभी माफ नहीं करेगा. चीन कड़ी जवाबी कार्रवाई के लिए बाध्य होगा. चीन ने भारत की तरफ़ दोस्ताना रुख साफ़ कर दिया है, भारत को अमरीका से मूर्ख बनने के बजाय जवाब में चीन के प्रति गर्मजोशी दिखानी चाहिए." भारत-चीन तनाव पर डोनल्ड ट्रंप क्या बोले और क्या वाकई ऐसा हुआ है?



चीन का सैनिक अभ्यास इस बीच चीन के सरकारी मीडिया में सैनिक युद्धाभ्यास और भारत से लगने वाले दुर्गम उत्तर पश्चिमी इलाके में हथियारों का भंडार बनाने से जुड़ी ख़बरें लगातार छप रही हैं. भारत के मीडिया में भी इसे लेकर प्रतिक्रियाएं आती रही हैं. छह जून को चीन के सरकारी टेलीविज़न चैनल सीसीटीवी के मिलिट्री चैनल ने पीपुल्स लिबरेशनल आर्मी (पीएलए) से जुड़ा एक वायरल वीडियो प्रसारित किया. 9 जून को पीएलए दवारा जारी एक बयान में कहा गया है कि उस दौरान सैनिकों ने तोपखाने की लाइवफ़ायर शूटिंग का टेस्ट किया था. इससे पहले 2 जून को, सीसीटीवी के मिलिट्री चैनल ने बताया कि एक पीएलए स्काउट यूनिट ने हाल ही में तिब्बत पठार पर स्थित तांगगुला पर्वत पर करीब 15 हज़ार फ़ीट की ऊंचाई पर, नाइट विज़न उपकरणों का उपयोग करते हुए रात में एक सैन्य ड्रिल की थी. क्या चीन भारत के साथ डबल-गेम खेल रहा है?


भारत को 'चेतावनी' साल 2017 में विवादित डोकलाम पठार पर भारत के साथ इसी तरह के सीमा-गतिरोध के दौरान, चीन के सरकारी मीडिया ने पीएलए की एक फुटेज दिखाई थी जिसमें सैनिकों को तिब्बती पठार पर एक PCL-03 होवित्ज़र का परीक्षण करते हुए दिखाया गया था. हॉन्गकॉन्ग के एक स्वतंत्र समाचार पत्र साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने 4 जून को अपनी एक रिपोर्ट में इस बारे में लिखा है. भारत और चीन की सेना आख़िर लद्दाख बॉर्डर पर गलवान वैली में क्यों भिड़ीं?


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