दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाक़े में इसी साल फरवरी के आखिरी सप्ताह में दंगे हुए थे, जिसमें सरकारी आंकड़ों के अनुसार 52 लोगों की मौत हुई थी. मरने वालों में गुप्तचर एजेंसी आईबी के एक कर्मचारी अंकित शर्मी भी थे. दिल्ली पुलिस ने उनकी हत्या के मामले में स्थानीय काउंसलर ताहिर समेत कई अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था और बुधवार को दिल्ली पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट भी दाखिल कर दी है.
ताहिर हुसैन पर आरोप बुधवार को दिल्ली पुलिस के ज़रिये दाखिल चार्जशीट में कहा गया है कि अंकित शर्मा के शव पर बरामदगी के समय 151 ज़ख़्म मिले थे, जैसे उनपर किसी धारदार हथियार से हमला किया गया हो, जिससे लगता है कि पूरा मामला कितनी बड़ी साज़िश का नतीजा थी. 11 मार्च को लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने अंकित शर्मा के शरीर पर 400 घावों पाए जाने की बात कही थी. जहां कुछ लोगों का कहना है कि ये दंगे भारतीय जनता पार्टी नेताओं और मंत्रियों के द्वारा दिए गए भड़काऊ भाषणों और बयानों का नतीजा थीं, तो सरकार बार-बार इसे अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे के बीच देश को बदनाम करने की साज़िश का हिस्सा बताती रही है, जो साज़िश सरकार के अनुसार नागरिकता क़ानून का विरोध कर रहे लोगों और अन्य ने मिलकर तैयार की
अंकित शर्मा मामले में ताहिर हुसैन और अन्य के ख़िलाफ़ हत्या, साज़िश और भारतीय दंड संहिता के दूसरे मामलों में केस दर्ज हुआ है. पुलिस ने इसी मामले में हुसैन नाम के एक सब्ज़ी बेचनेवाले को भी अभियुक्त बताया है जिसने फ़ोन पर किसी को एक व्यक्ति को मारने और उसका शव नाला में फेंकने की बात कही थी. अफ़शा पराचा ने कहा कि पुलिस हुसैन के अलीगढ़ स्कूल जाने की बात कह रही है जबकि उसकी मां के मुताबिक़ वो कभी स्कूल गया ही नहीं. उनके मुताबिक़ दूसरे बहुत सारे लोगों की तरह हुसैन भी 22 फ़रवरी से आयोजित दो दिनों के इज्तिमा में शामिल होने भजनपुरा की ओर आया था और अचानक से शुरु हुए दंगों की वजह से इधर ही फंस कर रह गया. इस मामले में अदालत में 16 जून को सुनवाई होगी.