भारत के पूर्व विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत उन फ्रंट लाइन देशों में से एक होगा जो 21वीं सदी को बनाने में एक अहम भूमिका निभाएंगे. उनका कहना था कि प्रधानमंत्री की आत्मनिर्भरता की नई पॉलिसी साल 1991 में भारतीय अर्थव्यवस्था के उदारीकरण से भी अधिक अहम घटना है. इसे उन्होंने एक नया सफ़र बताया जिसमें "लीडरशिप है, क़ाबिलियत है और लोगों का जूनून है". एम जे अकबर मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में विदेश राज्य मंत्री थे. वो भारत के बड़े सम्पादकों में से एक रहे हैं. बीबीसी संवाददाता जुबैर अहमद से ख़ास बातचीत में उन्होंने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक साल पूरे होने पर, इसकी विदेश नीति, कोरोना वायरस की महामारी के बाद की दुनिया में भारत की जगह और भारत के पड़ोसी मुल्कों से रिश्तों जैसे मुद्दों पर रोशनी डाली.
कोरोना वायरस के बाद आत्मनिर्भर भारत अभियान क्या भारत को बदल देगा? 
 • Mr. Dinesh Sahu