वैसे तो चीन की बौखलाहट के कई कारण हैंलेकिन चीन आजकल 3 प्रमुख कारणों से बहुत तिलमिलाया है - डॉ एसएन नागर नामलाया

'पहला प्रमुख कारण यह है कि भारत ने इस बार बहुत मजबूती से उस च्ज्ञ पर दावा ठोंका है जहाँ चीन ने कौरिडोर बनाने के लिये पानी की तरह पैसा बहाया है अब उसकी पूरी मेहनत और पैसा बर्बाद होता हुआ नजर आ रहा हैं । दूसरा प्रमुख कारण यह है कि लिपुलेख दर्रे को मानसरोवर रूट से जोड़ कर भारत ने बड़ी सामरिक कामयाबी हासिल की है। इससे न सिर्फ कैलाश-मानसरोवर का अध्यात्मिक रास्ता सुगम हुआ है बल्कि चीन के साथ सामरिक संतुलन भी कायम हो गया हैबॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) ने हिमालय की दुर्गम चोटियों के बीच ऐसी लकीर खींची है जिसे इतिहास याद रखेगा। यह ऐसा इलाका है जहाँ भारतए नेपाल और चीन की सीमाएँ लगती हैंइसके कारण अब रसदए हथियार और गोलाबारुद भारतीय चौकियों तक पहुँचाना बेहद आसान हो जायेगा। मानसरोवर लिपुलेख दर्रे से करीब 90 किलोमीटर दूर है । पहले वहाँ पहुँचने में 3 सप्ताह का समय लगता था लेकिन अब कैलाश-मानसरोवर जाने में सिर्फ सात दिन लगेंगे


इस रोड के शुरू होने के बाद भारतीय थल सेना के लिये रसद और युद्ध सामग्री चीन की सीमा तक पहुँचाना अब बहुत आसान होगा . . चीन ने तो बहुत पहले ही सीमा तक सड़क बना लिया था। सैन्य संतुलन कायम करने के लिये भारत द्वारा इस दुर्गम क्षेत्र में सीमा तक निर्माण अनिवार्य हो गया था। तीसरा कारण यह हैं कि भारत 22 मई 2020 कोट के Executive Board का अध्यक्ष बनने वाला है। चीन को अच्छी तरह ज्ञात है कि भारत अध्यक्ष बनने के बाद कोरोना की जाँच जरूर करवायेगा जो अब तक चीन के प्रभाव के वजह से नहीं कर रहा ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका तो पहले से ही इस जाँच की माँग कर रहे हैभारत का अध्यक्ष के पद पर बैठना चीन के पक्ष में तो कतई नहीं होगा इसलिये वह दबाव की राजनीति खेल रहा है । इस कोरोना के दौर में विश्व राजनीति बहुत तेजी से बदल रही है और भारत एक नेतृत्वकर्ता के रूप में विश्व पटल पर उभरता हुआ प्रतीत हो रहा है ।


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